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होशंगाबाद - लाडो अभियान अंतर्गत उन्मुखीकरण कार्यशाला संपन्न

होशंगाबाद:- 30 दिसम्बर (अजय सिंह राजपूत )- महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में लाडो अभियान अंतर्गत बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 विषय पर शासकीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण केन्द्र पवारखेड़ा में उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ललित कुमार डेहरिया, सहायक संचालक सतीश भार्गव, मुख्य निदेशक आंगनबाड़ी केन्द्र पवारखेड़ा राकेश शर्मा, बाल विकास परियोजना अधिकारी रामकुमार सोनी एवं प्रमोद गौर उपस्थित रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री डेहरिया द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को अधिनियम की मूल भावना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि इस अधिनियम के अंतर्गत 21 वर्ष से कम आयु के बालक एवं 18 वर्ष से कम आयु की बालिका का विवाह बाल विवाह कहलाता है। इस अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह शून्यकरणीय होगा, इस संबंध में यदि बालक अवयस्क है तो उसकी ओर से उसके संरक्षक या वाद मित्र न्यायालय में अर्जी दाखिल कर सकते है यदि किसी महिला पक्षकार का बाल विवाह शून्य घोषित किया जाता है तो न्यायालय पुरूष पक्षकार को महिला पक्षकार के पुनर्विवाह तक भरण-पोषण का आदेश जारी कर सकता है। इस अधिनियम के अनुसार जो भी व्यक्ति बाल विवाह का आयोजन करेगा या बाल विवाह में सम्मिलित होगा वह कठोर कारावास जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी एवं जुर्माना जो एक लाख रूपए तक हो सकेगा दंडनीय होगा।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को श्री भार्गव ने संबोधित करते हुए बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताया कि बाल विवाह के केवल दुष्परिणाम ही होते हैं। बाल विवाह के कारण लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती है, जबकि उनका पूरी तरह मानसिक व शारीरिक विकास नही हो पाता है। बाल विवाह के कारण कम उम्र की लड़कियो की अकाल मृत्यु हो जाती है। कम उम्र की मां से पैदा होने वाला बच्चा जन्म के समय कम वजन का या कुपोषित होने की संभावना अधिक होती है। खेलने और पढ़ने लिखने की उम्र में ही उनसे उम्मीद की जाती है की वो बड़ो की तरह व्यवहार करे जिससे उनका बचपन खो जाता है। हम सभी को बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठानी चाहिए। यदि कहीं पर बाल विवाह होता है तो उसका विरोध करना चाहिए, समाज में बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैला कर ही हम इसको समाप्त कर सकते हैं।   

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