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राहु केतु का राशि महापरिवर्तन

 


राहु केतु का राशि महापरिवर्तन

राहु केतु जैसे तत्काल अप्रत्याशित प्रभाव देने वाले ग्रह 23 सितंबर 2020 को राशि परिवर्तन कर रहे हैं.  राहु वृष राशि में और केतु वृश्चिक राशि में 23 सितंबर 2020 से 12 अप्रैल 2022 तक लगातार 18 महीने वक्र गत अवस्था में संचरण करते रहेंगे. इस डेढ़ साल की अवधि में संसार, भारत तथा आम लोगों के जनजीवन पर इस राशि महापरिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा उसकी जानकारी दी जा रही है.

दुनिया पर प्रभाव :-

दुनिया काम पर लौटेगी, कोरोना धीरे-धीरे कमजोर पड़ेगा तथा दवा आएगी, पैसा पटरी पर आएगा, लोग स्वयं के एवं दूसरों के मूल्य को समझेंगे, धन कमाने एवं संग्रह करने की लालसा बढ़ेगी, संबंधों की असली तस्वीर दिखेगी, मीडिया क्रांति होगी  तथा सत्य एवं तथ्य पूर्ण मीडिया की कद्र बढ़ेगी, धन ,अनाज ,ज्वेलरी का भंडारण होगा, लोग भ्रम तोड़कर जीवन के आनंद की तलाश करेंगे, शराब ,ड्रग्स धूम्रपान, पार्टी ,जुए आदि की तरफ दुनिया    आकर्षित होगी . मेकअप ,चेहरे का सौंदर्य ,फैशन, मनोरंजन आदि के साधन बढ़ेंगे, अवैध संबंध तेजी से बढ़ कर विवाह की मर्यादा भंग करेंगे, इंद्रिय सुख प्राथमिकता पर होगा, युद्ध ,सीमा विवाद ,घोटाले,अन्य  धर्म एवं  देश की आलोचना, सांप्रदायिक हिंसा, जमीन कब्जा जाना, रक्तपात ,मुख रोग ,सड़क दुर्घटनाएं ,अधिक खर्च ,नशे के ओवरडोज से मृत्यु ,बिना सोचे शस्त्रों का प्रयोग, शस्त्रों के बल 

पर सम्मान लेने की होड़ आदि घटनाएं घटेगी.  बड़ी संख्या में लोग संन्यास लेंगे तथा ज्योतिष, अध्यात्म एवं रिसर्च में रुचि बढ़ेगी, नए युग की शुरुआत होगी |


भारत  पर प्रभाव:-

भारत की अर्थव्यवस्था  मजबूत होगी, राजनीति में उथल-पुथल, सांप्रदायिक उपद्रव ,सरकार के खिलाफ षड्यंत, विदेश संबंधों को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा, सीमा विवाद ,युद्ध ,शत्रु पर विजय, अंतरराष्ट्रीय निवेश आएगा, धार्मिक छींटाकशी, उन्माद, प्राकृतिक आपदाएं, किसी बड़े नेता की मृत्यु या हत्या के संकेत, विवादास्पद सरकारें गिर जाएंगी. संघर्षों के साए में तरक्की होगी |

लग्न के अनुसार राहु केतु राशि  परिवर्तन फलित:-


मेष लग्न:-


 ससुराल पक्ष की मदद करनी पड़ सकती है, बचत टूट सकती है, विरोधियों द्वारा अपयश ,धन लाभ, शत्रु दमन ,गुप्त रोग पीड़ा, मुख रोग, आवेश बढ़ेगा ,वाणी में चालाकी ,लोगों के मददगार होंगे, एक से अधिक प्रणय संबंध हो सकते हैं, विवाह की संभावना बनेगी, निवेश में सावधानी रखें, दूसरों के मामले में दखल ना दें.


 वृषभ लग्न:-


 जीवनसाथी से विवाद, ससुराल पक्ष को व्यापार अथवा निवेश में शामिल ना करें, आकर्षक व्यक्तित्व ,तीक्ष्ण  बुद्धि ,प्रबल कार्य क्षमता ,विदेश अथवा लंबी यात्राएं ,विलासिता में रुझान ,बड़े विस्तार ,कार्य व्यवसाय में अभूतपूर्व सफलता ,विदेश संबंध, मेहनत रंग लाएगी ,विलक्षण ज्ञान की प्राप्ति ,नए युग की शुरुआत.


 मिथुन लग्न:-


 प्रोफेशनल बदलाव होंगे ,निर्णय लेना होगा ,बड़े निवेश ना करें, आयात निर्यात एवं ऑनलाइन वर्क के लिए  बेहतर ,अज्ञात भय, तनाव, पुराना अध्याय समाप्त होकर नया प्रारंभ होगा ,गैर जरूरी खर्चे बढ़ेंगे ,अनावश्यक यात्रा ,भटकाव ,ज़रूरत पर अपना पैसा काम ना आए, अनैतिक कार्यों में संलिप्त हो सकते हैं ,चिंता ,बेवजह विवाद, शत्रुता ना करें ,कर्ज से बचें.


कर्क लग्न:-


लोग आपकी मेहनत पर भरोसा करेंगे ,अधिकारी वर्ग बदलेगा, रहस्यमई बनना बेहतर ,ऑनलाइन सिक्योरिटी खंडित हो सकती है ध्यान रखें ,मानसिक बेचैनी ,अधिक यात्रा ,धन लाभ, युक्ति से सफलता, मेलजोल अवसर में बदलेगा, उदर रोग, प्रेम में असफलता, संतान चिंता ,संबंध विच्छेद, नए प्रणय संबंधों में बदनामी का डर, भविष्य की चिंता ,शिक्षा में भटकाव ,क्रोध पर नियंत्रण रखें ,आय के मार्गों पर ध्यान दें.

 सिंह लग्न:- 


 आराम के लिए प्रोफेशनल बदलाव करेंगे, अधिकारी वर्ग से ना उलझे ,कार्यों में उपलब्धि, धन लाभ ,कार्य सिद्धि हेतु घर से दूर रहना पड़ सकता है ,कड़ी मेहनत, नौकरी प्राप्ति के योग, पिता से संबंध में खिन्नता, विवादित संपत्ति की प्राप्ति, माता को कष्ट, प्रतिष्ठा में वृद्धि ,पारिवारिक जीवन नीरस, बड़े भवन की प्राप्ति.


 कन्या लग्न:-


 अप्रत्याशित लाभ ,रूका कार्य संपन्न होगा , उलझन सुलझेगी, दफ्तर में दबाव के कारण विवाद ना करें ,शेयर मार्केट से दूर रहें, बाहरी स्थान पर भाग्योदय  ,बाहरी लोगों की मदद मिल सकती है ,धर्म पर प्रश्न चिन्ह कर सकते हैं, मन का भटकाव ,आस्था में कमी ,आवेश ,हिंसा, नशा ,विवाद, अपराध से दूर रहें, पहाड़ी क्षेत्र में तीर्थ यात्रा हो सकती है.



 तुला लग्न:-


 अपने कार्यों पर ध्यान दें अफवाह की चिंता ना ,करें कोर्ट केस झगड़े, विवाद से बचें , चापलूसी व आलोचना से दूर रहें ,रिसर्च बीमा, पैतृक संपत्ति के लिए बेहतर समय, आकस्मिक धन लाभ, उत्सुकता में धन हानि ,सेहत एवं संबंधों को संभाले, स्वभाव में उग्रता ,अज्ञात भय.



वृश्चिक लग्न:-


 आत्म मूल्यांकन का समय है, किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह माने क्योंकि निर्णय क्षमता प्रभावित होगी, धन आए के लिए परिवार से दूर रह सकते हैं ,दांपत्य जीवन में तनाव ,अहंकार से बचें  ,पूर्वाभास बेहतर होगा, साझेदारी से बचें ,अचानक दुर्घटना सिर पर चोट चपेट, स्वभाव में उग्रता ,अति महत्वाकांक्षा , मान सम्मान में वृद्धि.

: धनु लग्न:-


कर्मचारी बदलेंगे, नए ग्राहक बनेंगे ,धन लाभ ,पेट के रोग ,कमर में दर्द ,बिजनेस पार्टनर से लाभ के बंटवारे पर झगड़ा हो सकता है, कोर्ट में विजय ,शत्रु दमन ,धर्म में रुचि ,ध्यान ,आध्यात्म में उन्नति, कर्ज मुक्ति ,यात्रा ,वाद विवाद से पूर्णता दूर रहें.



 मकर लग्न:-


धन लाभ ,युक्ति  काम आएगी , भाइयों से संबंध बनाए रखें, आत्मनिर्भर होने की वजह से वाणी में अति आत्मविश्वास झलकेगा जिससे परिवार और करीबी नाराज हो सकते हैं, छवि खराब हो सकती है ,समारोह में विवाद अथवा झगड़ा संभव, संतान से सामंजस्य की कमी ,शेयर से लाभ ,मनोरंजन क्षेत्र में लाभ, संपर्क को छांट देंगे ,प्रेम संबंध में सफलता ,भटकाव से बचें ,उदर रोग  ,तामसिक पदार्थों से दूर रहें.


 कुंभ लग्न:- 


 स्वयं का कार्य शुरू अथवा प्रोफेशन में ब्रेक, बचत का ध्यान रखें, रियल स्टेट ,वाहन विक्रय के क्षेत्र में अति लाभकारी ,माता को कष्ट अथवा  माता से विवाद ,मन अशांत ,कार्य क्षेत्र में उच्च सफलता ,पुराने वाहन ,भवन, चीजों की मरम्मत में धन खर्च होगा, घर में नोकझोंक ,अशांति, कार्य में सफलता ,प्रतिष्ठा ,लाभ, पिता को कष्ट ,स्थान परिवर्तन से लाभ ,सरकारी कार्यों से लाभ, पहाड़ी या शहर के ऊपरी हिस्से में शिफ्ट हो सकते हैं.


मीन लग्न:-

 पदोन्नति, विदेश यात्रा ,अधिकार क्षेत्र बढ़ेगा, विजय ,सैलरी बढ़ेगी, सोशल साइट्स का अधिक प्रयोग ना करें ,उन्नति का समय ,धन वृद्धि ,नया अवसर ,धार्मिक सोच बढ़ेगी, हठी स्वभाव ,तीर्थ यात्रा संभव ,मददगार होंगे ,यश कीर्ति में वृद्धि ,आकस्मिक संपत्ति का लाभ.

उपाय:-

 महादेव, महाकाली, सरस्वती माता ,गणेश जी का पूजन  नृत्य करें, राहु केतु शांति,  नवग्रह स्त्रोत ,राहु केतु स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत ,रुद्राष्टकम ,नारायण कवच का पाठ महामृत्युंजय मंत्र एवं गायत्री मंत्र आदि का पाठ किया जा सकता है


नोट :-  किसी भी ग्रह का गोचर आपकी जन्मकुंडली के ग्रहों की स्थिति, वर्तमान में चल रही दशा अंतर्दशा ,साढ़ेसाती ,ढैया, कुंडली में स्थित ग्रह दोष आदि की विवेचना करने पर ही गोचर फलों को जाना जा सकता है . राहु केतु के गोचर के फलों का यह एक सामान्य विवरण है


 एस्ट्रोलॉजर एवं वास्तुविद 


  मनमोहन राजपूत



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