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गुरु पूजन वंदन के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व


रायसेन/देवरी:- 04 जुलाई 2023 (डालचंद लोधी)- गुरु पूजन वंदन के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व।
भारतीय संस्कृति में गुरुओं का विशेष महत्व बताया गया है, गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताए, इस पंक्ति में संत कबीर दास ने गुरु का दर्जा ईश्वर से भी बढ़कर बताया है, भारत बर्ष एक अकेला ऐसा देश है, जहां गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना जाता है।
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेद व्यास को समर्पित है, आज के दिन ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था, इस लिए इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर शिष्य अपने गुरु का पूजन अर्चन करते हैं, इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं, और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं, शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है।
गुरु पूर्णिमा का पर्व रायसेन जिले की देवरी तहसील स्थित बाबा जयगुरुदेव आश्रम में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, हजारों की संख्या में गुरु भाइयों ने एकत्रित होकर गुरु चरणों का पूजन वंदन कर सत्संग के साथ भोजन प्रसादी भंडारे का आयोजन किया।
कार्यक्रम में रायसेन जिले सहित अन्य जिलों और क्षेत्रों के हजारों की संख्या में गुरु भाई सम्मिलित हुए, जिसमें नीरज श्रीवास्तव ने सभी गुरु भाइयों को गुरु वाणी का सत्संग सुनाया, उन्होंने कहा कि गुरु की आज्ञा का पालन करना ही गुरु भक्ति है।
आदिगुरु परमेश्वर शिव ने दक्षिणामूर्ति रूप में समस्त ऋषि मुनियों को शिष्य के रूप में शिवज्ञान प्रदान किया था, उन्हीं का स्मरण रखते हुए गुरुपूर्णिमा का पर्व मानाया जाता है। गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परम्परा है।

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