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फर्जी बिल वायरल करने पर पंचायत प्रतिनिधि ने पत्रकार से की गालीगलौज, देवरी थाना में शिकायत दर्ज


रायसेन/देवरी:- 22 मई 2022 (राजेश रघुवंशी)- रायसेन जिले की नवगठित नगर पंचायत देवरी में पानी की समस्या को लेकर नगरवासी परेशान हैं, खासकर यहां के वार्ड क्रमांक 11 और 12 में पानी को लेकर संग्राम मचा हुआ है।
वार्ड क्रमांक 11 एवं 12 में पानी की सप्लाई ना होने के कारण नागरिकों और पंचायत कर्मचारियों के बीच बादबिबाद की स्थिति बनी हुई है।
बादविवाद के बीच नागरिकों ने पंचायत पर भर्ष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
लोगों का कहना है कि पंचायत द्वारा हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, आये दिन कहीं पाईप लाइन फूटने तो कभी मोटर जलने का बहाना बनाकर पानी सप्लाई बाधित की जा रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समस्याओं से ग्रसित लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत में भारी भर्ष्टाचार मचा हुआ है, पिछले माह पंचायत में 60 घंटे जेसीबी मशीन चली लेकिन किसी को नहीं पता कि कार्य कहाँ पर हुआ, और फर्जी बिल लगाकर पैसे निकाल लिए गए।
वहीं साफ सफाई के नाम पर ट्रेक्टर ट्राली से 25 ट्राली कचरा उठाने का बिल पंचायत द्वारा लगाया गया है, जिसे ग्रामीण फर्जी बता रहे हैं।
उक्त मामले की जानकारी जब हमारे संवाददाता को लगी तो वह सत्यता जानने मौके पर पहुंचे, जहां लोगों की शिकायत पर ग्रामपंचायत द्वारा लगाए गए बिलों की जांच की, जिसमें कई बिल ऐसे मिले जो पंचायत कर्मचारियों के खास लोगों के नाम पर बनाये गए थे।
वहीं विभिन्न दुकानों के बिलों की लिखावट पर नजर डाली जाए तो लगता है जैसे सभी बिल एक ही व्यक्ति द्वारा बनाये गए हों।
उन बिलों को पत्रकार द्वारा लोगों के समक्ष लाने के उद्देश्य से व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला गया, जिससे कुंठित होकर पंचायत के उपसरपंच ने ग्रुप में गाली गलौच के मैसेज किये, जिसपर पत्रकारों ने आपत्ति जताते हुए देवरी थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
पत्रकारों की मांग है कि पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।
आपको बता दें देवरी पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है, लोगों की माने तो यहां फर्जी बिल लगाकर शासकीय राशि की बंदरबाट की जा रही है, फर्जी बिल लगाकर लाखों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है, पंचायत के नुमाइंदे अपने रिश्तेदारों, करीबियों के नाम पर बिल लगाकर जनता के पैसे लूटने में लगे हुए है।
ग्रामीण बताते है कि उसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
बताया जा रहा है कि पंचायत में ऐसे कई कर्मचारी है, जो कागजों पर ड्यूटी कर रहे है, और प्रतिमाह वेतन पा रहे हैं।
पंचायत द्वारा लगाए गए बिल वाउचर की जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की परतें खुलते देर नहीं लगेगी, लेकिन अधिकारियों की इक्षाशक्ति के बगैर जांच हो पाना मुश्किल लगता है।

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