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नगर पालिका की उदासीनता—फूटी पेयजल लाइन से प्रतिदिन लाखों लीटर पानी व्यर्थ

जल संकट के बीच पानी की भारी बर्बादी, जिम्मेदार मूकदर्शक

प्रशासन का नारा “जल व्यर्थ न बहाएं, जल है तो जीवन है” — प्रशासन की कथनी और करनी में भारी अंतर
नरसिंहपुर/गोटेगांव:- एक ओर नगर पालिका द्वारा जल संरक्षण के नारे लगाए जाते हैं—“जल है तो जीवन है”, “जल व्यर्थ न बहाएं”, वहीं दूसरी ओर नगर में ही फूटी पड़ी पेयजल लाइन से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी नालियों और सड़कों पर बह रहा है। नगर पालिका की यही कथनी और करनी का अंतर अब नागरिकों में गहरी नाराजगी का कारण बन चुका है।
कामथ वार्ड में स्थित मुख्य पेयजल पाइप लाइन पिछले कई हफ्तों से फूटी पड़ी है। इसी पाइपलाइन से क्षेत्र में पेयजल सप्लाई होती है, लेकिन सड़क के नीचे दबी लाइन टूटने से जल तेज़ बहाव के साथ बाहर निकल रहा है। बैलहाई सड़क से लेकर बरगी रोड तक रोजाना पानी बहने से सड़कें गीली रहती हैं और नालियों में निरंतर बड़ी मात्रा में पानी जा रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुँचने या मरम्मत करवाने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। स्थिति यह है कि अब तक लाखों लीटर शुद्ध पेयजल व्यर्थ बह चुका है, जिससे केवल नागरिकों को ही नहीं बल्कि नगर पालिका को भी जल शुद्धिकरण व वितरण के खर्च में भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
यह पूरा मामला प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है। जहां जल संकट और भविष्य की जल सुरक्षा को लेकर लगातार चेतावनियाँ दी जा रही हैं, वहीं नगर प्रशासन की उदासीनता से कीमती जल सड़कों पर ही बह जा रहा है।
नागरिकों ने मांग की है कि नगर पालिका का पेयजल विभाग तुरंत संज्ञान ले, फूटी पाइपलाइन की मरम्मत कर पानी की बर्बादी रोके और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

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