कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा का आधुनिकतम प्रयोग "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" का आधार होगा
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने की विभागीय समीक्षा
सिवनी/ श्रीमती सिंधिया ने कहा कि कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा का आधुनिकतम प्रयोग "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" का आधार होगा। प्रदेश में कौशल विकास, कार्यबल की स्किलिंग, अप-स्किलिंग "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। वर्तमान परिदृश्य में रोजगार पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है इसलिए हमें माँग आधारित कौशल पर ज्यादा काम करना होगा। यह बात तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" के संदर्भ में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी आई.टी.आई. में टीचर्स की ऑनलाइन रेफरेशर ट्रेनिंग होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कौन से आधुनिक ट्रेडस पर प्रशिक्षण दिया जा सकता है इस पर अनुसंधान कर टीचर्स को रेफरेशर कोर्स का प्रशिक्षण करवाएं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती सिंधिया ने स्कूल शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित कर स्टेम (साइंस, टेक्नॉलाजी, इंजीनियरिंग एवं मेथमेटिक्स) नीति तैयार कर एक माह में प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्कूली बच्चे के लिए कौन से ट्रेड को उनके पाठ्यक्रम से जोड़ा जा सकता है, इस पर चर्चा करने के निर्देश दिए। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि आई.टी.आई.के प्रिसिंपल विभिन्न स्कूलों का दौरा करें और जो बच्चे कोडिंग, मशीन लर्निंग, डिसाईन थिंकिंग कोर्स करना चाहते है उन्हें प्रदेश के आई.टी.आई में इन विषयों के शार्ट टर्म कोर्स करने के लिए प्रोत्साहित करें। मंत्री श्रीमती सिंधिया ने तकनीकी शिक्षा में छात्राओं के अनुपात को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रमुख, सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती केरोलिन खोगंवार देशमुख ने जानकारी दी कि इस शैक्षणिक सत्र में प्रवेश 64 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत हो गया हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 6 महिने में 10 से ज्यादा प्लेसमेंट ड्राइव एवं कैम्पस सेलेक्शन आयोजित किये गये हैं।
आयुक्त, तकनीकी शिक्षा श्री पी. नरहरि ने जानकारी दी कि स्टेम नीति का पहला ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। ड्राफ्ट को इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक कालेज के प्रिसिंपल को सुझाव और फीडबैक के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए ट्रेनिंग कैलेण्डर एवं फैकल्टी डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है। श्री नरहरि ने बताया कि पाँच इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर, रीवा, उज्जैन, एम.आई.टी.एस. ग्वालियर तथा विदिशा में कैरियर एवं प्लेसमेंट सेल संचालित हैं।
संचालक, कौशल विकास श्री एस. धनराजू ने बताया कि प्रचलित आई.टी.आई. ट्रेडस को उद्योगों से समन्वय के लिए चिन्हांकित किया गया है। इस अवसर पर एम.पी.एस.एस.डी. की सी.ई.ओ. श्रीमती षणमुख प्रिया मिश्रा, तथा अधिकारी उपस्थित थे।
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