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माता गिरिजा महामहोत्सव समापन के भण्डारे में उमड़ा विशाल जनसैलाब

गोटेगांव- परमहंसी गंगा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बगासपुर में 2 दिसंबर से प्रारंभ हुए माता गिरजा देवी महा महोत्सव का 10 दिसंबर को विधिवत समापन हो गया।
              माता गिरिजा महामहोत्सव का समापन भव्य भण्डारे से हुआ। भण्डारे का प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा जैसा क्षेत्र के विगत ज्ञात इतिहास में कभी न देखा न सुना गया।
                भण्डारे का शुभारम्भ स्वयं पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारिकशारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ने भण्डारे के लिए बनाए गये व्यञ्जनों में तुलसीदल डाल कर किया। उन्होंने मंत्र पढ़कर भोग लगाया और फिर सर्वप्रथम कन्याओं एवं बटुकों को तिलक लगाकर दण्डी स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी ने किया। उसके अनन्तर भण्डारा सर्वसाधारण के लिए आरम्भ हुआ ।
पाँच भोजन पण्डालों में हुआ भण्डारा
        भण्डारे के लिए व्यापक तैयारियाँ की गई थीं। भोजन बनाने के लिए गोटेगाँव के रज्जू महाराज के नेतृत्व में 50 पाचकों एवं 200 सहायकों की व्यवस्था की गई थी। मिठाइयाँ बनाने के लिए श्री प्रभाकर जी के नेतृत्व में 10 कुशल रसोईये भी आये थें।
ट्रैक्टर टालियों से भोजन परोसने को ले जाया गया
                भोजन की मात्रा को देखते हुए सभी भोजन पण्डालों तक भोजन पहुँचाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों का सहयोग लेना पड़ा।
                 भोजन परोसने के लिये क्षेत्र के पचासों गाँवो से लगभग 1000 स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं दीं। दोपहर बारह बजे से चालू हुआ भण्डारा देर रात तक चलता रहा । प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 40000 से 50000 लोगों ने प्रसाद पाया।
            भोजन में रसगुल्ला, बालूशाही, पूड़ी, शब्जी, पुलाव, छोला, बून्दी, सेव और चटनी परोसे गये। जिन श्रद्धालुओं ने घर ले जाने को प्रसाद मांगा उन्हें भी प्रसाद उपलब्ध कराया गया।
        बताया जा रहा है कि भंडारा संपन्न होने के बाद भी इतना भोजन बच गया था जिससे लगभग 7000 लोगों को और भोजन कराया जा सकता था बचा भोजन व्यर्थ ना जाए इसलिए ट्रैक्टर में भरकर गांव में घर घर जाकर भोजन वितरित किया गया जिसे ग्रामीणों ने प्रसाद के रूप में स्वीकार किया।
                आयोजक स्वामि श्री:अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी महाराज ने समस्त सहयोग दाताओं, स्वयंसेवकों और भाग लेने वालों को धन्यवाद ज्ञापन किया और आशीर्वाद पत्र प्रदान किया।

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