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जगद्गुरु शंकराचार्य ने किया नौकाविहार, अयोध्या फैसले पर उठाए सवाल

गोटेगांव के नगवारा में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने नौकाविहार किया।
परमहंसी गंगा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम नगवारा में हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को मेला लगता है, मेले का मुख्य आकर्षण जगत गुरु शंकराचार्य जी महाराज द्वारा गांव के तालाब में नौकाविहार करना होता है।
गांव के लोग घास फूस से एक बड़ी नाव बनाते हैं जिस पर महाराज जी अपने भक्तों के साथ नौकाविहार करते हैं, जिसे देखने आसपास के कई गांवों के हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि यह नौकाविहार का आयोजन विगत 64 वर्षों से होता चला आ रहा है।
आयोजन के पीछे का कारण यहां के लोग बताते हैं, कि एक बार जब तालाब फूट गया, जिसे लोगों ने बांधने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली, जब यह बात महाराज जी को पता चली तो महाराज जी तालाब के किनारे गए, और जहां से पानी बह रहा था वहां लेट गए, और कहा कि लो अब तालाब को बांध लो और पानी रुक गया।
तब से मुड़िया समाज के लोग यहां लगातार 64 वर्षों से नौकाविहार का कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं, जिसमें हर वर्ष जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज अपनी सहभागिता देते हैं।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी नगवारा गांव में नौकाविहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जगतगुरु शंकराचार्य महाराज ने नौकाविहार किया।
नोकाबिहार के पश्चात महाराज श्री ने उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित भी किया।
महाराज जी ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद बनेगी तो सिर्फ वही दिखाई देगी, मस्जिद में अस्त्र शस्त्र रखेंगे फिर किसी दिन आक्रमण कर देंगे क्या गारण्टी है।
उन्होंने कहा कि बाबरनामा में मस्जिद बनाने का कोई उल्लेख नहीं है, बाबर कभी अयोध्या आया ही नहीं, न हुमायूं ने कहा, ना अकबर ने कहा, यह बात कुछ शरारती तत्वों ने कहीं कि यह बाबरी मस्जिद है।
शंकराचार्य ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर को तोड़ने का मुआवजा मुसलमानों को दे दिया, लेकिन हमें क्या मिला।
उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़ा किसने था, हमने अपनी आंखों से देखा है वहां मस्जिद नहीं थी, 14 कसौटी के खंभे थे, मंगल कलश बना हुआ था, हनुमान की गढ़ी थी, वहां वजू का कुआं नहीं था, अजान बोलने की दीवार नहीं थी, गर्भ गृह में परिक्रमा थी, मंदिर था, जिन्होंने मंदिर तोड़ा वह आज मालिक बन गए, हमें उसके बदले क्या मिला।
मंदिर बनाने के लिए सरकार जो ट्रस्ट बना रही है, हम उसका बहिष्कार करते हैं। हमें सरकार का रुपया नहीं चाहिए, सरकार हमें जमीन खाली करा कर दे दे।
महाराज श्री ने कहा कि हमारा एक रामालय ट्रस्ट पहले से ही बना हुआ है, हम उसी रामालय ट्रस्ट के द्वारा विशाल राम मंदिर का निर्माण कराएंगे।
उन्होंने कहा कि हम हिंदू इतने कायर नहीं है कि मंदिर ना बना सके, हम पाई पाई इकट्ठा करके मंदिर बनाएंगे, अयोध्या में 67 एकड़ जमीन नरसिम्हा राव ने पहले से अधिकृत करा रखी है, हम पूछना चाहते हैं कि सरकार हमें क्या दे रही है।
न्यूज़ एक्सप्रेस एटीन के लिए गोटेगांव के नगवारा से आशीष साहू के साथ मोहन सिंह राजपूत की रिपोर्ट

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