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मोदी सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें,अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस

नयी दिल्ली - कांग्रेस ने आज कहा कि वह कल से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, 'कल हुई विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुईं सभी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सहमत हुई हैं। हम कोशिश करेंगे कि सभी विपक्षी दलों को साथ लें। रात तक हम सभी विपक्षी दलों को लामबंद करने की कोशिश करेंगे। सभी दलों के साथ मिलकर हम अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।' खड़गे ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस सत्र में महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, पीट-पीटकर हत्या किए जाने (लिंचिंग) , किसानों की स्थिति, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्यचार विरोधी कानून, महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमत में बढ़ोतरी और स्विस बैंकों में भारतीयों की ओर से पैसे जमा किये जाने में 50 बढ़ोतरी के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी।
     उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में ये मुद्दे समाहित होंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है और ऐसे में देश को बांटने की कोशिश कर रही है। खड़गे ने कहा, 'जनता की समस्याओं को सदन में रखने का मौका मिलेगा हम ऐसी आशा करते हैं।'
     खड़गे ने कहा, 'यह कहा जाता है कि सदन विपक्ष नहीं चलने देता। यह बात प्रधानमंत्री और उनके लोग दोहराते हैं। जब हम महत्वपूर्ण मुद्दे रखते हैं तो इनसे बचने के लिए सरकार की तरफ से नए नए तरीके ढूंढे जाते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम सदन को चलाना चाहते हैं और सारे मुद्दे जनता को बताना चाहते हैं। कल सभी विपक्षी दलों का मत था कि हम साझा मुद्दे उठाएँगे जो महत्वपूर्ण है और जनता के हित में है।' खड़गे ने कहा, 'यह सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। घोषणापत्र के वादे पूरे नहीं किये गए। लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं। इसका मंत्रियों की तरफ से समर्थन किया जा रहा है। यह मुद्दा हम सदन में रखना चाहते हैं।'  उन्होंने कहा, 'रोजगार का मुद्दा महत्वपूर्ण है। हम पूछेंगे कि कितने का निवेश आया है और कितने लोगों को रोजगार मिला है।
    खड़गे ने कहा, 'महिला सुरक्षा का मुद्दा है। देश से बाहर ऐसा सन्देश जा रहा है कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति का मुद्दा उठाएंगे।' उन्होंने कहा, 'एससी-एसटी कानून न्यायालय के फैसले से कमजोर हो गया है। हम इसको बहाल करने के लिए चर्चा चाहते हैं। सरकार इस पर कदम उठाए।' खड़गे ने कहा, 'सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण खत्म करने के लिए कदम उठाया है। हर विभाग में एक पद की रिक्ति निकालने का फैसला किया है। ऐसी स्थिति में अनुसूचित जाति और ओबीसी के लोगों को आरक्षण नहीं मिलेगा। यह मुद्दा भी उठाया जाएगा।
     लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि किसानों का मुद्दा भी हम उठाएंगे। हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं। एमएसपी पर प्रधानमंत्री ढिंढोरा पीट रहे हैं। हम इसकी सच्चाई बताएंगे। उन्होंने कहा, 'नोटबंदी के समय अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में 750 करोड़ रुपये डाला गया। हम इस बारे में पूछेंगे। नोटबंदी से कितना नुकसान हुआ, हम यह सवाल भी सरकार से पूछेंगे। मंहगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाएंगे।
     उन्होंने कहा कि हम स्विस बैंक में भारतीयों के जमा पैसे में 50 फीसदी की बढ़ोतरी का मुद्दा उठाएंगे। खड़गे ने दावा किया कि सरकार की स्वायत्त संस्थाओं में नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच गए। यह मुद्दा भी उठाया जाएगा। खड़गे ने कहा, 'आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग का मुद्दा रखेंगे।
     आज़ाद ने कहा कि सभी विपक्षी दलों में यह सहमति बनी है कि ईवीएम मशीन से चुनाव नहीं होना चाहिए और चुनाव की पुरानी विधि की तरफ लौटना चाहिए।

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