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गोटेगाँव क्षेत्र के दर्जनों लोग पहुंचे प्रयागराज, पिंड दान कर अपने पूर्वजों का लिया आशीर्वाद





Newsexpress18 नरसिंहपुर/गोटेगांव:- पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है और इन दिनों गया में पिंडदान का महत्व बढ़ जाता है. बिहार के गया का संबंध रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। गया में पिंडदान करने से आत्मा जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है, और पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है। यहां पर देश-विदेश दुनिया भर से पिंडदान के लिए लोग पहुंचते हैंi इसी क्रम में गोटेगांव करकबेल बौछार करेली लिंगा पिपारिया धुवघट सनखेड़ा एवं भोपाल निवासी छोटेलाल साहू, परमसुख, श्रीमती मोती बाई, मधुबन साहू, राजेश नाथ, सुशील योगी, धनीराम, श्रीमती धना बाई, पत्रकार आशीष साहू, ने पिंडदान हेतु गयाजी के लिए नरसिंहपुर से 9 लोग रवाना हुए सभी ने सर्वप्रथम तीर्थराज प्रयाग पहुंचकर टेढ़ी नीम वाले पांडा के सानिध्य में मां गंगाजी को प्रणाम कर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी बनारस पहुंचे जहां सभी लोगों ने मणिकर्णिका घाट में बनारस वालों के मुल्लन मिश्रा के आचार्यत्व में सभी ने मिलकर हिंदू संस्कृति के अनुसार अपने पूर्वजों को याद कर पूर्ण विधि विधान मंत्रोउच्चारण के साथ पिंडदान किया। उसके पश्चात गयाजी पहुंचकर सभी लोगों ने हाथ जोड़कर सच्चे मन से भगवान से प्रार्थना कर अपने पूर्वजों का पिंडदान श्राद्ध कर अपने पितरों को प्रणाम करने के पश्चात उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें स्वर्ग लोक के लिए विदा किया।

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