सड़कों पर आवारा मवेशियों की भरमार, हादसों की वजह बन रहे आवारा मवेशी
नरसिंहपुर/तेंदूखेड़ा:-04 सितंबर 2022 (आडिट नायक)- पुराने जमाने में लोग घरों में गायें पालते थे, जिससे बच्चों को शुद्ध घी दूध मिलता था और बच्चे हिष्ट पुष्ट होते थे, लेकिन आज के नए जमाने में लोग घरों में विदेशी कुत्ते पालते हैं, और गायें सड़कों पर आवारा विचरण करने पर मजबूर हैं।
आए दिन देखने में आता है कि सड़कों पर गौ वंश की दुर्घटनाओं में मौतें हो रहीं है, इन दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रत्येक ग्रामपंचायतों में गौशालाओं का निर्माण कराया गया है, लेकिन इसके वाबजूद गौ वंश की मौतों का सिलसिला बंद नहीं हो रहा।
प्रदेश में जहां भी जाएंगे सड़कों पर आवारा मवेशी बैठे मिल जाएंगे, ऐसा ही हाल नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा नगर की सड़कों पर देखने को मिल जाएगा, यहां सड़कों पर आवारा मवेशियों की भरमार है।
हिंदू सनातन धर्म में गाय को मां का दर्जा प्राप्त है, धर्म शास्त्रों में लिखा है, कि गाय के शरीर मे 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं, इसी वजह से गाय पूज्यनीय मानी जाती है।
लेकिन मां मानी जाने वाली गायों की हालत दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही हैं, देखा जा सकता है कि तेंदूखेड़ा नगर के हर मार्ग पर आवारा मवेशियों का डेरा बना रहता है, सड़कों पर आवारा मवेशी बैठे होने की वजह से आए दिन लोग हादसों का शिकार भी हो रहे हैं।
एक तरफ जहां सरकार द्वारा गौशालाओं के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, परंतु धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है, सरकार की नीयत गौवंश की दयनीय स्थिति सुधारने की है, लेकिन निचले स्तर पर एजेंसियों द्वारा योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं होने से सरकार की योजना फैल होती नजर आ रही है।
तेंदूखेड़ा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी से लोग काफी परेशान हैं, नगर में सैकड़ों की संख्या में आवारा मवेशी जहां तहां सड़कों पर अपना डेरा जमाए हुए बैठे रहते हैं जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आवारा मवेशियों की वजह से दुकानदार नगर की जनता और किसान भी काफी परेशान हैं, यह आवारा मवेशी किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
तेंदूखेड़ा नगर में गौशाला नहीं होने की वजह से भी मवेशी सड़कों पर धमाचौकड़ी करते है, हालाकी मवेशियों के लिए तेंदूखेड़ा नगर परिषद द्वारा नगर के बाहर चरनोई भूमि आवंटित की गई है, लेकिन कुछ लोगों की मेहरबानी से उस भूमि पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसकी वजह से भी मवेशी सड़कों पर विचरण करने मजबूर हैं।
मवेशियों की सड़कों पर धमाचौकड़ी की वजह से लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे है।
तेंदूखेड़ा क्षेत्र में बीते 15 दिनों में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक मवेशियों की एक्सीडेंट से मौत हो चुकी है, नगर के लोगों ने मांग की है कि तेंदूखेड़ा मैं अतिशीघ्र गौशाला बनवाई जाए।
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