श्रावण में श्रवण का ही महात्यम् है- ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद
नरसिंहपुर/परमहंसी:- 16 जुलाई 2022 (न्यूज़ एक्सप्रेस18)- श्रवण नक्षत्र प्रधान श्रावण मास आरंभ हो गया है, और परमहंसी गंगा आश्रम में चल रहे पूज्य पाद शंकराचार्य के चतुर्मास का सत्संग आरंभ हो रहा है, सावन में श्रवण से बढ़कर दूसरा कोई धर्म कार्य नहीं है, और उक्त उदगार चातुर्मास सत्संग का शुभारंभ करते हुए पूज्य पाद शंकराचार्य जी महाराज के निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद ने व्यक्त किए।
तीर्थों का भारत में बड़ा विस्तार है हजारो किलोमीटर की दूरी तय करते हुए ही जगन्नाथ जी के दर्शन होते हैं, जगत जननी भी 51 शक्तिपीठों में पर्याप्त लंबी यात्रा के बाद ही दर्शन देती हैं, इसी तरह जगतगुरु का दर्शन भी दुर्लभ रहता है परंतु मध्य प्रदेश के मध्य स्थित श्रीधाम से महज कुछ दूरी पर स्थित परमहंसी गंगा क्षेत्र में जगन्नाथ, जगत जननी, जगत गुरु के दर्शन एक साथ सुलभ है, यही चतुर्मास की विशेषता है।
व्यक्तिय को इस संसार में सब सुलभ है खाने पीने ओढ़ने पहनने आदि के लिए कुछ ना कुछ उपलब्ध हो ही जाता है, परंतु सत्संग अत्यंत दुर्लभ है यह पुण्य आत्मा को ही मिलता है, उक्त उद्गार पूज्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने चातुर्मास सत्संग सभा के उद्घाटन सत्र में अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि गीता को आधार बनाकर यह 2 महीने का सत्संग निरंतर चलेगा। अर्जुन के मोह को हराने के लिए भगवान श्री कृष्ण द्वारा उपदिष्ट यह ग्रंथ गागर में सागर है।कहा गया है कि गीता को ही सुगीता कर ले तो फिर किसी अन्य शास्त्रों का विस्तार की आवश्यकता ही नहीं रहती है। गीता ग्रंथ के स्वाध्याय सत्संग से व्यक्ति के मन के शोकमोह नष्ट हो जाते हैं। भगवान भक्त के वश में हो जाते हैं यथोत्कारी बन जाते हैं, अर्जुन ने कहा रथ को रोको तत्काल रोक दिया और आदेश दिया कि हमें भी अपने गुरुओं को आदेश का उसी तरह पालन करना चाहिए जैसे श्री कृष्ण के आदेशों का पालन शोकमोह से नष्ट करने के लिए अर्जुन ने किया। ज्ञातव्य है कि परमहंसी गंगा आश्रम में पूज्य पाद शंकराचार्य जी का चातुर्मास हो रहा है जिसमें उनके साथ उनके प्रमुख शिष्यगड़ भी चातुर्मास कर रहे हैं और नित्य सत्संग का शुभारंभ आज से हो चुका है प्रतिदिन 3:00 से 6:00 बजे तक सत्संग चलता रहेगा।
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