Breaking News

नर्मदा के दर्शन मात्र से होती है मोक्ष की प्राप्ति, संगीतमय नर्मदा पुराण में बोले आचार्य


रायसेन:-14 नवम्बर 2021- जब गंगा नहीं थी तब भी नर्मदा थी, जब हिमालय नहीं था तब भी नर्मदा थी, हिंदुस्तान की प्रमुख सात नदियों में सबसे प्रख्यात नर्मदा नदी को भारत बर्ष में मां की तरह पूजा जाता है।
पुराण कहते है कि जो पूण्य गंगा में स्नान करने से मिलता है, वह पूण्य मां नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है।
आदि काल में नर्मदा तट पर तपस्या करने वाले ऋषियों मुनियों ने इन्हें नर्मदा नाम दिया था, नर्मदा का अर्थ है नर्म यानी आनंद देने वाली नर्मदा।
एक अन्य ऋषि ने जब परिक्रमा करते हुए नर्मदा को पहाड़ियों पर से कूदते फांदते देखा तो नाम दिया रेवा, रेव यानी कूदना, इसी से नाम पड़ा रेवा।
कहते है कि मां नर्मदा के दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसी मां नर्मदा की कथा सुनने से ही मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते है।
राय सेन जिले की जनपद पंचायत उदयपुरा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत आलीबाड़ा में संगीत मय नर्मदा पुराण का आयोजन किया जा रहा है, जिसे सुनने आस पास के कई गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
नर्मदा पुराण कथावाचक आचार्य पंडित प्रदीप शुक्ला श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं, दोपहर दो बजे से पांच बजे तक कथा के दौरान आचार्य द्वारा लोगों को मां नर्मदा घाटों के महत्व एवं लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया जा रहा है।
कथा के बीच मे आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री द्वारा संगीतमय भजनों का गायन किया जाता है, जो भक्तो का मन मोह लेते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं