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बाबा उमाकांत जी महाराज के शिष्य कर रहे प्रसाद एवं रक्षा सूत्र का वितरण, बुरे समय में होगी रक्षा


रायसेन/उदयपुरा:- 07 सितम्बर 2021 (डालचंद लोधी)- बाबा जयगुरुदेव आश्रम देवरी जिला रायसेन में त्रयोदशी के भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बाबा जयगुरुदेव के शिष्य मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि हर माह की त्रयोदशी पर बाबा जय गुरुदेव के भक्त पूज्य बाबा जयगुरुदेव की पुण्यतिथि मनाते हैं, इसी अवसर पर सत्संग देते हुए श्री नारायण नामदेव ने बताया की पूज्य बाबा उमाकांत जी महाराज वक्त के संत सद्गुरु ने जीवो की रक्षा के लिए गुरु पूजन का प्रसाद एवं रक्षा सूत्र पहुंचाए हैं, यह प्रसाद एवं रक्षा सूत्र उनके प्रेमी गांव गांव जाकर हर घर में वितरित करेंगे।
जो भी विश्वास पूर्वक प्रेम से लेगा उसकी आने वाले खराब समय में रक्षा होगी।

आगे उन्होंने कहा कि महात्माओं का संकल्प बहुत बड़ा होता है वह हर कीमत पर जीवो की रक्षा करना चाहते हैं, उसी को दृष्टिगत रखते हुए वक्त के संत सद्गुरु ने यह आदेश दिया है, उन्होंने कहां की जय गुरुदेव नाम इस समय पावर में है, इससे जीवो की रक्षा होगी यदि कोई आजमाना चाहे तो वह एक घंटा सुबह एक घंटा शाम जय गुरुदेव नाम की धुन करें उसकी समस्त प्रकार की समस्याओं मैं आश्चर्यजनक लाभ होगा।
      उन्होंने आगे बताया कि पूज्य महाराज जी ने पहले भी दीवारों पर लिखाई करा कर एवं माइक के माध्यम से रैली निकालकर बुरे समय के लिए आगाह किया था सभी लोगों को चेताया था की जीव हत्या करना बंद करें, एवं शाकाहारी हो जाए, हम सभी ने देखा की उसके बाद कोरोना महामारी में पूरे संसार में तांडव मचा दिया आज भी वह हम सभी को आगाह एवं चेता रहे हैं कि आगे समय बहुत खराब आने वाला है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी इतना बुरा वक्त देखने को मिलेगा कि व्यक्ति रात में सो जाएगा दिन में नजारा बदला मिलेगा इसीलिए जो पूज्य महाराज जी का प्रसाद वितरण एवं रक्षा सूत्र वितरण का अभियान चलाया जा रहा है वह उसी बुरे वक्त मैं रक्षा के लिए यह दोनों प्रसाद एवं रक्षा सूत्र काम आएंगे बाबा जयगुरुदेव के शिष्य इन दोनों प्रसाद एवं रक्षा सूत्र को लेकर गांव गांव शहर शहर पहुंचेंगे जो भी प्रेमी विश्वास पूर्वक इनको लेगा उसकी बुरे समय में रक्षा अवश्य होगी।
    इस अवसर पर जय गुरुदेव आश्रम देवरी में जिला व्यवस्थापक  रमेश नोनिया, मनोज श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सोनी, घनश्याम चौरसिया एवं लखन कहार तथा क्षेत्र के सत्संगी उपस्थित थे।

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