Breaking News

मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण : शंकराचार्य


नरसिंहपुर/परमहंसी:- 09अगस्त 2021 (न्यूज़ एक्सप्रेस18)- परमहंसी गंगा आश्रम, झोतेश्वर में द्विपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंदजी महाराज का चातुर्मास्य व्रत अनुष्ठान चल रहा है, जिसमे बड़ी संख्या में उनके भक्त दर्शन - पूजन - सत्संग से लाभान्वित हो रही है । 
सोमवार को सायंकालीन सत्संग में बोलते हुए शंकराचार्यजी ने कहा कि, मनो निग्रह करने पर ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके जीव मुक्ति को पाकर शिव बन सकता है । और यही मन यदि उद्दंड हो तो जीव को नरक में धकेल देता है।
इसीलिए गीताकार ने कहा कि ``मनः एव मनुष्याणां कारण बंध मोक्षयोः`` अर्थात- मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण है।
शास्त्र और गुरु के वचनों में विश्वास ही श्रद्धा : शंकराचार्य
     वेदान्त के साधन चतुष्टय को समझाते हुए महाराज श्री ने कहा कि मुक्ति के इच्छुक को श्रद्धा रखनी चाहिए। श्रद्धा की व्याख्या स्पष्ट करते हुए महाराज श्री ने बताया कि,  वेदादि शास्त्र और गुरु के वचन में सम्पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है।
वेद निंदक गुरुओं से कल्याण नही : शंकराचार्य
वेदनिष्ठा की घोषणा करते हुए महाराजश्री ने कहा कि, जो वेदों को प्रमाण नही मानते वे कथित गुरु निषिद्ध है, ऐसे वेद विरोधी ढोंगी गुरुओ का त्याग करते हुए सनातन धर्म की मूलधारा को जानकर मुक्ति के लिए प्रयास करना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं