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नलजल योजना में की जा रही लीपापोती, लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी- ग्रामीणों ने जताया बिरोध


रायसेन/उदयपुरा:-15 मार्च2021 (डालचंद लोधी)- लोगों के घरों तक साफ स्वच्छ पेय जल आपूर्ति के लिए शासन द्वारा नलजल योजना प्रारंभ की गई थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह सिर्फ एक दिखावा सावित हो रही है।
इसका जीता जागता उदाहरण है राय सेन जिले की ग्रामपंचायत नयाखेड़ा मैं चल रही नलजल योजना, यहां के लोग विगत 15 बर्षों से नलों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं।
वहीं पीएचई विभाग नलजल योजना में लीपापोती करने में लगा हुआ है, और पुरानी टंकी के भरोसे नलजल योजना को शुरू करने एक प्राइवेट कंपनी को 9 लाख 80 हजार रुपए में ठेका दे दिया।
पीएचई विभाग की कुम्भकरणी नींद 15 बर्ष बाद टूटी है, अब विभाग द्वारा बर्षों पुरानी पानी की टंकी को मरम्मत कराकर, आननफानन में चालू कर पंचायत को हैण्डओवर करने की कवायद में जुट गया है, लेकिन पंचायत ने इसे अपने हाथों में लेने से साफ इनकार कर दिया।
3000 की आबादी वाले गांव में लगभग 400 परिवार निवास करते हैं, इतनी जनसंख्या के हिसाब से 80 हजार लीटर पानी की क्षमता वाली पानी की टंकी नाकाफी है, 400 परिवारों तक पानी पहुंचाने के लिये कम से कम डेढ़ लाख लीटर पानी की क्षमता वाली टंकी होना चाहिए।
ग्रामीणों के अनुसार टंकी से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 4 इंच मोटी पाइप लाइन डाली गई है, जो नाकाफी है, वहीं पाइप लाइन से घरों में कनेक्शन देने के लिए प्लास्टिक की सटक लगा दी गई है, जो अब टूटने लगी है।
जानकी कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार छोटे रघु एवं मनीष रघु कहते है कि योजना का काम पूरा हो गया है, अतः नलजल योजना पंचायत को हैण्डओवर करने आये है।
नलजल योजना का पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा, जिससे ग्रामपंचायत को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, यही वजह है कि ग्रामपंचायत ने नलजल योजना को अपने हाथों में लेने से इनकार कर दिया।
लोगों के घरों तक जब पानी पहुंच ही नहीं रहा तो कैसी नलजल योजना, कहीं पाइप लाइन टूटी है तो कहीं रिसाव हो रहा है, पानी के रिसाव से सड़कों पर कीचड़ मचा हुआ है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं पानी और कीचड़ में कीटाणु उत्पन्न हो रहे है, जिनसे बीमारियों का खतरा भी बना रहता है।
ठेकेदार कहते है कि टंकी में जो रिसाव हो रहा था, उसे प्लास्टर लगाकर ठीक कर दिया है, लेकिन ग्रामीण कहते हैं कि पुरानी टंकी में केमिकल लगाकर लीपापोती की गई है जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।
कहीं न कहीं पीएचई विभाग द्वारा ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से मरम्मत का ठेका दिया लगता है, ऐसे में ठेकेदार और बिभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।

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