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नई दिल्ली - हर रोज डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है - रणदीप सुरजेवाला

नई दिल्ली - न्यूज़ एक्सप्रेस १८ - वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफे को लेकर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाए जाने की मांग की है.

                      कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को कम करके अगस्त 2004 के स्तर पर लाया जाना चाहिए, जब कच्चे तेल की कीमत 40 डालर प्रति बैरल थी.

                                सुरजेवाला ने कहा कि अगस्त 2004 में पेट्रोल 36.81 और डीजल 24.16 रुपये प्रति लीटर था. एलपीजी सिलेंडर 261.60 रुपये का था, लेकिन अब पेट्रोल, डीजल और एलपीजी 75.78, 74.03 और 593.00 रुपये में बेचा जा रहा है. सुरजेवाला ने 6 साल में पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी 23.78 रुपये और 28.37 रुपये को वापस लेने की भी मांग की.

                              उन्होंने कहा कि देश के 130 करोड़ नागरिक आज कोरोना की महामारी से लड़ रहे हैं. गरीब, प्रवासी श्रमिक, दुकानदार, किसान, छोटे और मध्यम व्यवसायी और बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए लोग इस कठिन आर्थिक मंदी और महामारी की स्थिति में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

                              सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी  की सरकार को जन विरोधी बताते हुए कहा कि ऐसे हालात में भी हर रोज डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है, मुनाफाखोरी और जबरन वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4.52 रुपये और 4.64 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया गया है, जबकि कच्चे तेल की कीमतें बहुत कम हैं.

                             कांग्रेस नेता ने कहा कि यह यूपीए की तुलना में 258 और 820 फीसदी अधिक है. वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक 6 वर्ष की अवधि में केंद्र सरकार ने 12 बार पेट्रोल और डीजल पर कर में वृद्धि की है.

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