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होशंगाबाद - 21 जून सूर्यग्रहण पर लग्नानुसार राशिफल

होशंगाबाद - (मनमोहन राजपूत) - आज 21 जून 2020 को वर्ष का प्रथम सूर्यग्रहण पड़ रहा है. लग्न अनुसार ग्रहण का राशि फल इस प्रकार है -

मेष लग्न :- सोशल मीडिया, कम्युनिकेशन में सावधानी रखें, धन लाभ, मन भटकाव, आई बहनों को कष्ट, आत्म बल की कमी ।

वृष लग्न :- पारिवारिक कलह, धन हानि, नेत्र कष्ट, वाणी संयम रखें ।

मिथुन लग्न :- अहंकार से बचे । जल एवं अग्नि भय प्रतिष्ठा एवं सेहत का ध्यान रखें । संक्रमण संभव । रिश्ते संभालें ।

कर्क लग्न :- व्यय, अनिद्रा, बैचेनी, भूमि भवन विवाद, नशामुक्त रहें, यात्रा न करें, भावुक होकर निर्णय न लें, पाचन तंत्र एवं मधुमेह से पीड़ा ।

सिंह लग्न :- मेल जोल कम रखें, आय, क्रोध बढ़ेगा, अनैतिक धन की आय से बचें ।

कन्या लग्न :- कार्य क्षेत्र में सावधानी रखें, बॉस से बनाकर चलें, मतभेद उभरेगा, विवेकपूर्ण बने रहे ।

तुला लग्न :- सोच समझकर सलाह लें और दें । आय में बड़ी कमी हो सकती है, बड़े जोखिम न लें, व्यसन से दूर रहें, कटु वचनों का प्रयोग अपमानित करवा सकता है ।

वृश्चिक लग्न :- जोखिम से दूर रहें, रहस्य उजागर हो सकता है, नौकरी में कठिनाई, घर में बड़े बुजुर्ग का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है अथवा बड़ी क्षति की आशंका है, अस्त्र शस्त्र, लोहा लक्कड़, आग से बचें, अचानक धन हानि तथा वाद विवाद हो सकता है ।।

धनु लग्न :- साझेदार एवं जीवन साथी से बनाकर चलें, गुस्से पर काबू रखें, पुरानी बातों को न कुरेंदे ।

मकर लग्न :- आर्थिक उन्नति, कर्ज मुक्ति, कोर्ट कचहरी के मामले पक्ष में रहेंगे, शत्रु को हानि, तनाव न लें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें, किसी के विवाद में न पड़ें ।

कुंभ लग्न :- बच्चों पर नजर रखें, गर्भवती महिलाएं अधिक सावधानी रखें. संतान को कष्ट, प्रेम प्रसंग व शिक्षा में परेशानी, पेट की तकलीफ, अवसाद से बचें, प्रसन्न रहें ।

मीन लग्न :- घर की सुख शांति बनाये रखें, प्रापर्टी वाहन में निवेश से बचें, माता के लिए कष्टकारी, बिजली से भय, संपत्ति की हानि क्रोध एवं नकारत्मकता से बचें, कार्यस्थल पर चिंता, नया कार्य प्रारंभ न करें।

उपाय :- ग्रहण काल में जाप, साधना, ध्यान, कीर्तन भजन करे । सूतक के नियमों का पालन करें । ग्रहण मोक्ष के पश्चात स्नान करके वस्त्र बदलकर कच्चा अनाज दान करें।
ग्रहण का दान :- गेहूं, गुड़, हरी मूंग, लाल कपड़ा, लाल हरे फल दान कर सकते हैं।
ग्रहण काल में पाठ :- नारायण कवच, महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र, श्री राम रक्षा स्त्रोत, श्री विष्णुसहस्त्रनाम, हरे कृष्ण हरे राम का संकीर्तन आदि अन्य इच्छित साधना करना चाहिए ।

 मनमोहन राजपूत (एस्ट्रोलोजर एवं वास्तुविद)

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