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भोपाल - मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में टिड्डी दल बना मुसीबत का सबब

भोपाल - (अजयसिंह राजपूत) - पिछले कुछ दिनों से टिड्डी दल ने देश के कई राज्यों की मुसीबत बढ़ा दी हैं। देश के नौ राज्यों पर टिड्डियों का खतरा मंडरा रहा है। इनमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं।

हालांकि, राज्य सरकार ने इनसे निपटने के लिए कमर कस ली है। साथ ही प्रशासन और किसान भी अलर्ट पर हैं। टिड्डियों के इन दलों को मानसून से पहले तक खत्म करने की तैयारी है, क्योंकि उस समय खरीफ की फसल तैयार होगी और ये उसको भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

                          केंद्र सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) ने बताया है कि ये टिड्डियां आने वाले महीनों में किसानों के आगे बड़ा खतरा उत्पन्न करेंगी। इन्हें मानसून से पहले तक खत्म करना जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। वर्तमान में टिड्डियां राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 303 जगहों पर 47 हजार 308 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा चुकी हैं।

मध्यप्रदेश के कई जिलों में टिड्डी दल का हमला 

                           मध्यप्रदेश के भी कई जिले टिड्डी दल के हमले से प्रभावित हुए हैं जिनमे होशंगाबाद, रायसेन, रीवा, सतना, बैतूल, सागर शामिल हैं जहाँ किसानों की मेहनत को टिड्डी दल चट कर गया है हालाँकि प्रशासन पूरी मुस्तैदी से इस समस्या से निपटने में लगा हुआ है उसके बाद भी इनकी तादात ज्यादा होने से नुक्सान भी बड़ा हुआ है.


छिड़काव के लिए 89 दमकल विभाग की गाड़ियां 

                      राजस्थान में हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि कृषि विभाग ने जयपुर में टिड्डियों के दल पर नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया है। इसके लिए बकायदा उन्होंने ड्रोन की मदद ली है। वहीं, दमकल विभाग की 89 गाड़ियों से भी छिड़काव की तैयारी की गई है।

छत्तीसगढ़ में भी निपटने की तयारी 

                     जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में लाखों की संख्या में टिड्डियां आ सकती हैं। इस हमले के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। किसानों को इनसे बचने के लिए उपाय बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि राजनांदगांव में जिला स्तरीय दल गठित किए गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों से चर्चा कर 20 ट्रैक्टर स्प्रेयर की व्यवस्था की जा रही है।


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