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फसल कम होने से सीताफल के दाम छू रहे आसमान

नरसिंहपुर- अपने आप में विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध नरसिंहपुर जिले के बगासपुर, नगवारा, बरहटा का छीताफल इस वर्ष फसल कम होने से वे स्वाद हो गया है।
अधिक वर्षा होने से छीताफल की फसल सामान्य से आधी भी नहीं हुई।
कम बारिश में मैं पैदा होने वाला यह सीताफल नरसिंहपुर के सतपुड़ा के जंगल मैं अधिक तादाद में होता है, लेकिन इस वर्ष अधिक वर्षा होने से 70% तक फसल नष्ट हो गई। फसल कम होने से इस वर्ष छीताफल बाजारों में कम ही देखने को मिल रहा है।
प्रति वर्ष नरसिंहपुर जिले मैं सीताफल की नीलामी से वन विभाग को लाखों का मुनाफा होता था, लेकिन इस वर्ष फसल नष्ट होने से राजस्व में 70, से 75% की कमी आई है।
मध्य प्रदेश का छीताफल अन्य प्रदेशों में भी जाता है, यहां का फल मीठा एवं पोस्टिक होता है, इसी वजह से बाहर से व्यापारी इसकी नीलामी में बोली लगाने के लिए नरसिंहपुर आते हैं। मध्य प्रदेश गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र और कर्नाटक की बेंगलुरु मंडी में भी यहां का सीताफल प्रसिद्ध है।
नवरात्रि से दीपावली तक यह बाजारों में पहुंच जाता है, परंतु इस बार फसल कम होने के कारण बाजारों में छीताफल की आवक कम है और दाम भी आसमान छू रहे हैं।
आमतौर पर बाजारों में 100 रुपये में मिलने वाली 20 छीताफल की टोकरी 500, से 600 रुपये में मिल रही है।
न्यूज़ एक्सप्रेस एटीन के लिए नरसिंहपुर से आशीष साहू एवं गोटेगांव से मोहन सिंह राजपूत की रिपोर्ट

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