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दो बच्चों का बाप निकला बलात्कारी पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल नरसिंहपुर का मामला

Newsexpress18-मध्यप्रदेश में आए दिन बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं और अब नरसिंहपुर जिला भी इससे अछूता नहीं है। आए दिन विभिन्न तरह के अपराधों की घटना नरसिंहपुर जिले में देखने को मिलती है।
ऐसा ही कुछ विगत 25 जून की रात नरसिंहपुर नगर में देखने को मिला जहां एक 5 साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना ने नरसिंहपुर ही नहीं पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया।
घटना के बाद से लोगों में अपराध के प्रति आक्रोष नजर आ रहा था वहीं पुलिस पर भी अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का दबाव बना हुआ था। घटना के बाद से ही पुलिस तमाम सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच कर रही थी।
अंततः पुलिस को आरोपी के संबंध में कुछ सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे जिसके आधार पर अपराधी की पहचान कर उसे 2 दिन बाद ही सही पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से न्यायालय ने अपराधी को आगे की जांच हेतु पुलिस रिमांड में भेज दिया।
घटना 25 दिसंबर की रात की है जब बच्ची अपने मां बाप के साथ सो रही थी तभी अपराधी उसे घर से उठाकर ले गया एवं उसके साथ दुराचार कर झाड़ियों में फेंक दिया।
सीसीटीव्ही फुटेज की मदद से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के ड्राइवर आरक्षक राजकुमार और गनमैन आरक्षक विक्रांत ने अपराधी की पहचान की।
पकड़े गए आरोपी की उम्र करीब 35 वर्ष है। दो दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस अधीक्षक गुरकरन सिंह के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी की मॉनीटरिंग में पुलिस टीम ने आरोपी को धर दबोचा।
पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक गुरकरन सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि आरोपी संतोष विशेष शस्त्र बल की छटवीं बटालियन में कार्यरत है तथा करीब एक वर्ष से नरसिंहपुर में पदस्थ था।
पुलिस एसपी के मुताबिक आरोपी का नाम संतोष मरकाम निवासी बीजा डांडी मंडला है। वह एक साल से एसएएफ छटवीं बटालियन में कुक है और नरसिंहपुर में ही पदस्थ है। इसके पास से कपड़े जूते वह अन्य सबूत मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज में वह घटनास्थल के पास आता दिखा था।
पुलिस के ही लोगों ने उसकी चाल-ढाल देखकर बताया कि ये वहीं व्यक्ति है। इसके बाद उसे पकड़कर पूछताछ की गई। जिसमें सच कबूल करते हुए उसने घटना को अंजाम देना कबूल किया।
24 25 जून की दरमियानी रात आरोपी बच्ची का उसकी झोपड़ी से अपहरण करके ले गया था। इसके बाद पीड़िता खून से लथपथ हालत में 25 जून की सुबह अंडर ब्रिज के पास एक पेड़ के नीचे मिली, इसके बाद उसे जबलपुर रेफर किया गया था, जहां उसका इलाज जारी है। इस मामले में लापरवाही पर पुलिस अधीक्षक ने एक आरक्षक को सस्पेंड कर दिया था। जानकारी के मुताबिक बालिका के गायब होने के बाद परिजन देर रात इसकी शिकायत करने पुलिस थाने पहुंचे थे, लेकिन आरक्षक ने उन्हें भगा दिया था।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी अत्याधिक शराब का सेवन करता है और नशे की हालत में उसने वारदात को अंजाम दिया। आरोपी शादीशुदा और दो बच्चों का पिता है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इस पुरे मामले में स्थानीय पुलिस का असंवेदनशील चेहरा सामने आया था, मासूम के गायब हो जाने के बाद उसके परिजन मदद मांगने देर रात पुलिस थाने आए थे लेकिन प्रधान आरक्षक शम्मीलाल गौंड़ ने उन्हें भगा दिया था।
मामला उजागर होने की बाद जिला पुलिस अधीक्षक ने प्रधान आरक्षक शम्मीलाल गौंड़ को सस्पेंड कर दिया है। इस घटना को लेकर लोगों में जमकर आक्रोश था। स्थानीय लोग पुलिस की सक्रियता पर भी सवाल उठा रहे थे।
घटना को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और 2 दिन बाद अपराधी को धर दबोचा। पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोगों ने पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई पर पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया।

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