तेंदूखेड़ा ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर डॉक्टर नहीं कर रहे ड्यूटी
ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज हो रहे परेशान
कमलनाथ सरकार ने एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है। वहीं दूसरी ओर डॉक्टर इन आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को एक आदेश जारी किया था कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को देखते हुए डॉक्टरों का ड्यूटी समय 9:00 सुबह से 4 बजे शाम तक किया गया था।
परंतु यहां पर नजारा कुछ और ही है जी हां हम बात कर रहे हैं नरसिंहपुर जिले की तहसील तेंदूखेड़ा के मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भामा स्थित शासकीय प्राथमिक सामुदायिक केंद्र की जहां पर डॉक्टर श्रीमती दिव्यानी पटेल पदस्थ हैं।
यहां पर 4 लोगों का स्टाफ है ग्रामीणों के अनुसार जो माह में मात्र 5 या 6 दिन ही ड्यूटी पर आती हैं।
शासकीय प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 गांव आते हैं सभी गांव निम्न वर्ग से हैं।और मरीजों को बड़ी आशा रहती है कि डॉक्टर रहेंगे तो उपचार समय पर मिलेगा।
परंतु ग्रामीणों ने बार-बार शिकायत बीएमओ चावरपठा से की परंतु समस्या का कोई निराकरण नहीं हो रहा है।
डॉक्टर श्रीमती दिव्यानी पटेल एक राजनीतिक घराने से होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जिससे समूचे ग्रामीण क्षेत्रों में उपचार के लिए लोग तरस रहे है।
मरीज उपचार के लिए भामा से गाडरवारा तेंदूखेड़ा एवं नरसिंहपुर जा रहे हैं जिससे गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
शासकीय प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भामा में साफ-सफाई की व्यवस्था हाशिये पर चारों और फैला है कचरा।
जब इसके बारे में बीएमओ डॉक्टर एसपी अहिरवार से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। बोले की में इस मामले में कुछ नहीं बोल सकता। मैं बोलूंगा तो राजनीतिक लोग सांसद विधायक के फोन आने लगते हैं जिससे मैं कार्यवाही ही नहीं कर पाता। आप सीएचएमओ मैडम नरसिंहपुर से इस मामले में बात करें।
देखते हैं जिम्मेदार अधिकारी डॉक्टर श्रीमती दिव्यानी पटेल पर इस लापरवाही पर क्या कार्यवाही करते हैं।
तेंदूखेड़ा से न्यूज़ एक्सप्रेस एटीन के लिए आदित्य नायक की रिपोर्ट
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