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नगरीय प्रशासन की मनमानी जारी ठेकेदारों को रातो रात मिल जाते है पानी के कनेक्शन -तेंदूखेड़ा का मामला

 
तेंदूखेड़ा- आदित्य नायक की रिपोर्ट:- एक ओर जहां जमीनी जल स्तर काफी नीचे जाने से भीषण पेयजल संकट की स्थिति को देखते हुये खनन पर प्रतिवंध लगा हुआ है वही दूसरी तरफ निर्माण कार्यो के लिये ठेकेदारों द्वारा पानी के कनेक्शनो पर लगभग मनाही है लेकिन तेंदूखेड़ा नगरीय प्रशासन द्वारा सारे नियम कानून कायदो को दरकिनार करते हुये रातो रात ठेकेदारो को पेयजल सप्लाई की मेन लाइन से कनेक्शन दिये जा रहे है। यह विषय  नगर मे जब चर्चा का विषय बना तो कनेक्शन काट भी दिया गया था बाद मे पीछे से जोड भी दिया गया। जबकी नगर मे कुछ  ऐसे उपभोक्ता भी शामिल है जिन्होंने 8-9 माह पूर्व कनेक्शन हेतू राशि भी जमा कर दी गई लेकिन आज तक उन्हें कनेक्शन नही दिया गया, एवं विभिन्न प्रकार की विसंगतिया  बता कर उन्हे लटकाया जा रहा है,
ऐसे विभिन्न प्रकार के मामले है जिनमे नगर परिषद्  cmo की मनमानी जारी है चाहे निमार्ण कार्य हो या फिर pm आवास की किस्ते या फिर हितग्राही मूलक योजनाएं जिन निर्माण कार्यों मे फायदा या स्वयं का हित साधा जाता है उन्हें ही स्वीकृति मिलती है, अनेको बार  प्रस्ताव पारीत किये जाते है, प्रस्ताव पारीत होने के  बाद वर्षों बाद निर्माण कार्य प्रारभ नही हो पाते  कई प्रकार की विसंगतिया बताकर उन्हें अभी तक कार्य रूप मे नही लाया गया है, एवं एन एच 12 पर सडक निर्माण कार्य में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी प्लांट से सीधा पानी टेंकरो के माध्यम से ढुलता है आखिर किस की सह पर? निर्माण कार्या को जानबूझकर रोककर रखा जा रहा है कभी आचार संहिता का बहाना कर तो कभी टेक्नीकली फाल्ट बताकर केवल जानबूझकर काम अटकाये जाते है जबकी तेंदूखेड़ा के जनप्रतिनिधियों द्वारा काम करने की मानसिकता एवं जरूरत मंदो को हितलाभ दिये जाने मे कही कोई कसर नही छोड रहे है।
सभी बिन्दु गंभीर जांच के विषय है।
सजग वर्गों से इन विंदुओं को संज्ञान में लेने की जरुरत है।

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