छोटे बच्चों एवं गोवंश का हो रहा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां प्रशासन मौन
न्यूज़ एक्सप्रेस18 - राजनीतिक पार्टियों समय समय अपने स्वार्थ के लिए गौवंश का इस्तमाल करती रही है इन राजनीतिक पार्टियों को सिर्फ चुनाव के समय ही गौवंश की याद आती है वरना पूरे 5 साल इनकी सुध लेने कोई पार्टी नजर नहीं आती चुनाव आते ही सभी राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर अपनी अपनी रोटियां सेंकने लगती है शनिवार दोपहर भी ऐसा ही एक नजारा गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले ग्राम बगासपुर में देखने को मिला जहां भाजपा के प्रत्याशी डॉ कैलाश जाटव का प्रचार करने स्थानीय कुछ बीजेपी के नेता गौवंश के साथ रेली निकालते देखे गए,भाजपा नेताओं द्वारा गोवंश को भाजपा के बैनर पोस्टर से पूरी तरह सजाकर रैली निकाली गई एक गऊ के चेहरे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मुखोटा लगा दिया गया तो दूसरे पर अमित शाह का मुखौटा लगाया गया। साथ ही रैली में छोटे बच्चों से भी प्रचार कराया गया छोटे बच्चों को हाथ में झंडे थमा कर उनसे पार्टी एवं प्रत्याशी की जय जयकार कराई गई। एक और सड़कों पर हजारों की संख्या में आवारा गोवंश देखें जा सकते हैं जिनकी आज तक किसी राजनीतिक पार्टी के नेता ने सुध नहीं ली लेकिन चुनाव आते ही अपने स्वार्थ के लिए यह कथित गौ भक्त गोवंश का इस्तमाल अपने राजनीति फायदे के लिए कर रहे हैं प्रतिदिन सेंकडो गायें सड़कों पर वे मोत मर रही है लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आता। राजनीतिक पार्टियां चुनाव आते ही गोवंश के लिए कई योजनाओं का एलान करती है लेकिन चुनाव समाप्त होते ही अपने किए वादे भूल जाती है गौवंश के साथ हो रहे ऐसे अमानवीय व्यवहार के लिए ऐसे नेताओं पर कार्यवाही होना चाहिए लेकिन सवाल यही उठता है कि कार्यवाही करेगा कौन।
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