Breaking News

आंगनबाड़ी केंद्र बनी दलदल, कैसे पढ़ेगा इंडिया कैसे बढ़ेगा इंडिया


रायसेन/उदयपुरा:- 09 जुलाई 2022 (डालचंद लोधी)- मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए भले ही कितनी योजनाएं चला लें, लेकिन निचले स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं होने से जरूरतमंदों तक उनका लाभ नहीं पहुंच पाता।
शिक्षा की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका काफी अहम मानी जाती है, ग्रामीण क्षेत्रों के यह के जी वन स्कूल कहलाते हैं।
रायसेन जिले की उदयपुरा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बमोरी आंगनबाड़ी केंद्र की हालत दयनीय स्थिति में है।
आंगनवाड़ी केंद्र में ना बिजली की व्यवस्था है, ना पानी की, और ना ही बच्चों को खेलकूद की सुविधा, जाहिर है जब बिजली ही नहीं है तो पंखे क्यों लगाए जाएंगे।
यहां तक कि आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचने के लिए बच्चों को दलदल भरे रास्ते से आना जाना पड़ता है, रास्ते में इतना कीचड़ और पानी भरा है, जिसको देखकर बच्चे तो क्या युवा भी उस रास्ते से जाना नहीं चाहते।
अगर बच्चे कीचड़ भरे रास्ते से चले भी जाएं तो आंगनवाड़ी केंद्र के अंदर झाड़ियों एवं घास फूस से दो चार होना पड़ता है, मुख्य गेट से आंगनबाड़ी भवन के अंदर जाने के लिए रास्ते में पत्थर डाले गए हैं, जिनसे चढ़कर बच्चे अंदर जाते हैं, जिससे गिरने और चोट लगने का डर बना रहता है।
बरसात के इस मौसम में जहरीले कीड़ों कांटों का बच्चों और पालको को डर सता रहा है, ऐसी स्थिति में मातापिता बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र कैसे पहुंचाएं।
आंगनवाड़ी केंद्र की सहायिका शशि बाई कहती हैं कि इसकी जानकारी पंचायत को लिखित तथा मौखिक रूप से कई बार दी जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, बच्चों के साथ साथ हमें भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सवाल यह उठता है कि जब शासन से इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भरपूर राशि दी जाती है तो फिर इतनी अनियमितताएं आखिर क्यों, क्या जिम्मेवारों की कोई जवाबदेही तय होगी।

कोई टिप्पणी नहीं