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कोरोना के बाद डेंगू ने मचाई तबाही, रायसेन के नयाखेड़ा में मिले आधा दर्जन मरीज


रायसेन/उदयपुरा:-30 अक्टूबर 2021 (डालचंद लोधी)-आम आदमी की मुसीबतें वैसे ही कम नहीं हो रही हैं, ऊपर से तरह तरह की बीमारियों ने लोगों की जिंदगी को तबाह करके रखा है।
राय सेन जिले की उदयपुरा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नया खेड़ा में डेंगू बुखार से भय का माहौल बना हुआ है।
नयाखेड़ा में पिछले एक सप्ताह में डेंगू के पाँच मरीज मिलने से लोग भयभीत है, पिछले माह एक मरीज में डेंगू बुखार की पुष्टि होने के बाद जबलपुर रेफर कर दिया गया था।
लेकिन एक सप्ताह में पांच मरीजों में डेंगू की शिकायत मिलने के बाद लोगों में भय का माहौल है, डेंगू के मरीजों का जबलपुर तथा नरसिंहपुर में इलाज जारी है।
कोरोना के बाद डेंगू के प्रकोप से लोग अपने आप को डरा हुआ महसूस कर रहे हैं, हालांकि इस सब के पीछे कहीं ना कहीं ग्रामपंचायत जिम्मेदार है।
अभी हाल ही में बीते नवरात्र में ग्रामपंचायत द्वारा नाम मात्र के लिए सफाई की फार्मेलिटी निभाई गयी, ग्रामपंचायत द्वारा ना तो नालियों की सफाई कराई गई ना ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया गया।
आलम यह है कि चारों ओर गंदगी पसरी पड़ी है, नालियां गंदगी से बजबजा रहीं है, लेकिन ग्रामपंचायत के नुमाइंदों को कुछ नजर नहीं आ रहा।
ग्राम में अब तक स्वाति लोधी, अंजू, टीकाराम लोधी, प्रदीप लोधी, अनिल लोधी ऐसे लोग है जो इस बीमारी का शिकार हुए जिनका जबलपुर, नरसिंहपुर, तथा बरेली में इलाज चल रहा है।
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग भी मूकदर्शक बना नजर आ रहा है, आधा दर्जन मरीजों के मिलने के बाद भी स्वास्थ्य बिभाग की ओर से कोई अधिकारी कर्मचारी गांव की सुध लेने नहीं आया।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है लेकिन वे भी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी पूर्वक नहीं निभा रही है।
अब तक मिले मरीजों की पूरी जानकारी आशा कार्यकर्ता से लेकर आला अधिकारियों को है, लेकिन किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।
यदि समय रहते सभी ने ग्राम में साफ सफाई का ध्यान रखा होता तो आज यह स्थिति नहीं बनती, हालांकि इसमें आम नागरिकों की भी अपनी कुछ जिम्मेदारीयां बनती है, जिन्हें लोगों को भी समझना होगा।
लोगों को भी अपने आसपास साफ सफाई का ध्यान रखने की जरूरत है, सब कुछ शासन प्रशासन पर नहीं छोड़ा जा सकता।

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