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कोरोना वैक्सीन के सम्बंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने में प्रशासनिक अमला विफल, पंचायतें नहीं ले रहीं रुचि


रायसेन/उदयपुरा:- 15 जून 2021 (डालचंद लोधी)- कोरोना वैक्सीन के सम्बंध में फैली भ्रांतियों को दूर करने में प्रशासनिक अमला विफल नजर आ रहा है, कोरोना संक्रमण से बचाव में वैक्सीन कारगर साबित हो रही है, लेकिन युवाओं में वैक्सीन लगवाने में रुचि नहीं लेना चिंता का विषय है।
प्रशासनिक स्तर पर प्रत्येक ग्रामपंचायतों में कोविशील्ड और कोवेक्सीन के टीके मुफ्त लगाए जा रहे हैं, लेकिन लोग इसमें रुचि नहीं ले रहे, जिसका सबसे बड़ा कारण है अधिकारियों कर्मचारियों का वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक नहीं कर पाना।
ग्रामपंचायत स्तर पर इसकी जिम्मेदारी सरपंच सचिव की बनती है, लेकिन इसमें वे विफल होते दिखाई दे रहे हैं।
राय सेन जिले की उदयपुरा जनपद की नयाखेड़ा ग्रामपंचायत में 100 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन जागरूकता की कमी के चलते केवल 70 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी।
दो चरणों में लगने वाली वैक्सीन के पहले चरण में राज्य सरकार द्वारा अठारह बर्ष से 44 बर्ष की उम्र के युवक युवतियों को, एवं केंद्र सरकार द्वारा पैंतालीस बर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वेक्सीकरण किया जाना है।
शासन प्रशासन द्वारा टीवी चैनलों, अखबारों, शोसल मीडिया के साथ साथ बिभिन्न प्रचार माध्यमों से कोरोना वेक्सीन लगवाने की अपील की जा रही है, लेकिन लोगों पर इसका असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।
नयाखेड़ा ग्रामपंचायत के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक लोगों को वेक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, पंचायत के कारिंदों ने यह कार्य यदि समय रहते किया होता तो यह स्थिति नहीं बनती, कहीं ना कहीं पंचायत की विफलता के कारण ही लोग वेक्सीन लगवाने से डर रहे है।
वेक्सीनेशन कार्य में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि वेक्सीन लगने के बाद थोड़ा बुखार आता है जिसके लिए पेरासिटामोल टेबलेट दी जाती है, जिससे एक दो दिन में स्वास्थ्य ठीक हो जाता है।

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