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10000 रुपये दो पीएम आवास पाओ, एक ऐसी ग्रामपंचायत जहां बेचे जा रहे पीएम आवास


रायसेन/उदयपुरा:- 15 अप्रैल 2021 (संवाददाता डालचंद लोधी की रिपोर्ट)- बर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, बर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के आवासहीन परिवारों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इस योजना के अंतर्गत बर्ष 2022 तक सभी के पास अपना घर होगा।
     प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना को ग्रामपंचायत के नुमाइंदे चूना लगा रहे हैं।
इसका जीता जागता उदाहरण है रायसेन जिले की उदयपुरा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्रामपंचायत मोहद कला, जहाँ के लोग आज भी टूटे फूटे झोपड़ियों में जीवन जीने को मजबूर हैं।
छः बर्ष बीत जाने के बाद ग्राम में कुल 18 परिवार के ही ग्रामपंचायत आवास बनवा पाई है, जबकि कई ग्रामपंचायतों में अधिकतर परिवारों के आवास बन चुके है।
ग्रामीण पंचायत के नुमाइंदों पर आरोप लगाते हुए कहते ही कि रोजगार सहायक सचिव पीएम आवास लिस्ट में नाम जोड़ने के नाम पर 10000 रुपये की मांग करते है, कहते है कि 10000 रुपये दो तभी तुम्हारा नाम आवास योजना की लिस्ट में जोड़ा जाएगा।
ग्रामीण गबधू अहिरवार बताते है कि पंचायत में आवास की मांग लेकर जाते है तो रोजगार सहायक सचिव यशवंत लोधी कहते है कि 4 साल से आवास योजना की साइड बंद है, 10000 रुपये दो तो तुम्हारा नाम लिस्ट में जोड़ दिया जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि यदि 4 बर्ष से साइड बंद है तो पैसा लेकर कैसे नाम जोड़ा जा सकता है।
ग्रामीणों द्वारा कई बार पीएम आवास से संबंधित शिकायतें सीएम हेल्पलाइन और बरेली एसडीएम से कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
ग्रामीण राजू अहिरवार ने बताया कि सहायक सचिव यशवंत लोधी का पीएम आवास योजना से मकान बन चुका है, और ग्राम के कई अपात्र लोगों का नाम आवास सूची में नाम जोड़ दिया गया है, जबकि पात्र लोगों से ₹10000 की मांग की जा रही है।

ग्रामीण दामोदर लोधी ने बताया कि पंचायत में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है, सड़कों में जगह-जगह दरार पड़ गई हैं पंचायत कार्यालय के निर्माण मैं भी घटिया सामग्री लगाई गई है, और पंचायत कार्यालय भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत द्वारा आवास की सूची भी नहीं बताई जाती, और सूची में भी आवासों का फेरबदल किया जाता है, मोहद कला एक ऐसी ग्रामपंचायत है जहां हर काम पैसा लेकर किया जाता है, चाहे राशन कार्ड हो पीएम आवास हो पेंशन हो या परिवार आईडी में नाम जुड़वाना पैसे के बगैर यहां कुछ नहीं होता।
ऐसा नहीं है कि ऊपर बैठे अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं होना कई सवाल खड़े करता है।

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