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शिकायतकर्ता बन थाना प्रभारी ने जबरन वापस करवाई 181 की शिकायत, न्याय पाने दर दर भटक रहा शिकायतकर्ता


सिवनी/बंडोल:- 10 मार्च 2021 (दुर्गेश पांडेय)- सीएम हेल्पलाइन में कई गयी शिकायत को थाना प्रभारी ने शिकायत कर्ता बनकर, की गई शिकायत बंद करवा दी, जिसके बाद शिकायत कर्ता अब प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।
सिवनी जिले के सरकारी नुमाइंदे सीएम शिवराज सिंह के सपनों को चकनाचूर करते हुए नजर आ रहे हैं।
अपने निजी स्वार्थ को पूरा करने में लगे अधिकारी कर्मचारी नियम कानूनों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है।
प्रदेश के मुखिया से न्याय की उम्मीद लेकर पीड़ित व्यक्ति सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करवाते हैं, किंतु जिम्मेदारों द्वारा कुछ शिकायतों का मनमर्जी से निराकरण कर दिया जाता है।
इसके बावजूद जो शिकायतकर्ता नहीं मानते, उन्हें धमकी दी जाती है, तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है।
इसका ताजा उदाहरण इन दिनों सिवनी में देखने को मिल रहा है, जहां खाकी वर्दी का रौब शिकायत कर्ता पर खोफ बनकर मंडरा रहा है।
शिकायतकर्ता के साथ शिकायत वापस न लेने की एवज में गाली गलौज की जा रही है तो कहीं झूठे मामले में फंसा देने की धमकी दी जा रही है।
जी हां कुछ ऐसा ही मामला सिवनी जिले के बंडोल थाना से सामने आ रहा है, जहां थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्ववर पर आरोप है, कि उनके द्वारा बोथिया निवासी दिव्यांश पांडे को झूठे केस में फंसा देने की धमकी देकर शिकायतकर्ता का मोबाइल अपने हाथों में लेकर स्वयं शिकायत बंद करवा दी।
शिकायत बंद करवाने का ऑडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है, हालांकि न्यूज़ एक्सप्रेस एटीन वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता।
हम अपने दर्शकों को बता दें कि 16 दिसंबर को दिव्यांश पांडे के पिता जुगल किशोर पांडे पर जमीनी विवाद को लेकर, उनके ही परिवार के लोगों ने उनके घर पर ही आकर हमला बोल दिया था, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थी, और मस्तिष्क एवं जबड़े की हड्डी टूट गई थी।
पीड़ित परिवार का आरोप है, शिकायत दर्ज कराने के बावजूद भी बंडोल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज नहीं किया, बल्कि धारा 324, 223, 294 ,506, 452/34 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय मांगने के लिए पीड़ित परिवार ने मध्यप्रदेश शासन की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराना बंडोल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक दिलीप पंचेश्वर को नागवार गुजरा, और शिकायत कर्ता के लड़के का भविष्य बर्बाद करने की धमकी देते हुए, स्वयं शिकायत कर्ता दिव्यांश पाण्डे बनकर शिकायत वापस करवा दी।
शिकायत वापस हो जाने के बाद अब पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
अब देखना यह होगा कि प्रार्थी का वीडियो सामने आने के बाद थाना प्रभारी स्वयं प्रार्थी बन कर सीएम हेल्प लाइन बन्द कराने वाले ऑडियो की पुष्टि कर वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करते है।
वहीं पीड़ित परिवार ने प्रदेश के मुखिया एवं सिवनी पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है, अब देखना होगा कि मामला पूर्ण रूप से सार्वजनिक होने पर अधिकारियों द्वारा दोषीयो के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, और पीड़ित परिवार को कैसे न्याय दिया जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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