भोपाल - शिवराज सरकार ने किया उर्वरक निति में बदलाव
भोपाल - न्यूज़ एक्सप्रेस १८ - खबर आ रही है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने उर्वरक नीति में बदलाव करते हुए 55 प्रतिशत सहकारी क्षेत्र तथा 45 प्रतिशत निजी क्षेत्र के माध्यम से बिक्री के निर्देश दिए हैं। नई उर्वरक नीति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है एक और जहां विपक्षी पार्टी आरोप लगा रही है कि सत्ताधारी पार्टी ने खाद व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए उर्वरक नीति में बदलाव किया है, वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल का मानना है कि प्रतिबंध से कालाबाजारी बढ़ती है और वहीं खुले बाजार में उर्वरक की उपलब्धता से कालाबाजारी करने वाले व्यापारी हतोत्साहित होते हैं और उर्वरक किसानों को आसानी से हर जगह उपलब्ध होता है।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में इस खरीफ सीजन में 25 लाख मैट्रिक टन उर्वरक खपत का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सर्वाधिक 11 लाख मैट्रिक टन यूरिया होगा। शासन द्वारा हाल ही में घोषित नई उर्वरक नीति से निजी क्षेत्र भी उर्वरकों की बिक्री में सरकारी क्षेत्र के साथ लगभग बराबर की भागीदारी करेंगे।
कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए जिलेवार टारगेट प्लान के अनुसार 25 लाख मैट्रिक टन उर्वरक में से सहकारी संस्थाओं के माध्यम से 13,50,000 मेट्रिक टन उर्वरक और 11 लाख 50 हजार मैट्रिक टन उर्वरक निजी क्षेत्र के माध्यम से किसानों तक पहुंचेगा। उल्लेखनीय होगा कि पूर्व में प्रदेश में 80 प्रतिशत उर्वरक सहकारी समितियों के माध्यम से तथा 20% उर्वरक निजी क्षेत्र के माध्यम से विक्रय किया जाता था।
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