होशंगाबाद शहर से पैदल गुजरते हुए मजदूर छनेरा से चलकर झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश स्थित अपने गॉवों जाने मजबूर
कोरोना संकट के चलते काम धंधा बंद हो जाने से गरीब मजदूर परिवारों पर रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है। फैक्टरियां बंद होने और प्रशासन से मदद नहीं मिलने की वजह से मजदूर वर्ग अपने घरों की और जाने को मजबूर है।
ऐसे में कई मजदूर छनेरा से पैदल चलकर झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश अपने घरों की और जा रहे है।
नेपानगर की सीपीसीएल फैक्ट्री में काम करने वाले ये मजदूर बिहार सरकार और मध्य प्रदेश सरकार में सामंजस्य की कमी के चलते अपने घर पैदल जाने को मजबूर हैं।
होशंगाबाद शहर से पैदल गुजरते हुए ये मजदूर छनेरा से चलकर झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश स्थित अपने गॉवों की और पैदल जा रहे हैं।
इस लॉक डाउन के बीच अब इनका ना तो कोई ठोर ठिकाना है, और ना ही खाने को रोटी। प्रशासन भले ही तमाम दावे करता रहे, पर इन गरीबों का कोई मददगार साबित होता दिखाई नही दे रहा है। ये मजदूर अपनी बेबसी और मजबूरी का बोझ लिए बस चलते जा रहे हैं, इस आस में कि एक दिन अपने घर पहुंच जाएंगे।
वही घर जहाँ से ये कभी सपने संजोकर आये थे, की दो पैसे कमाएंगे तो अपना परिवार सुख से जीवन जी सकेगा।
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