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नरसिंहपुर उच्च अधिकारियों ने ताक पर रखे लॉक डाउन के नियम, अधिकारी ही अमल ना करें तो जनता से क्या उम्मीद

नरसिंहपुर/ 04 मई 2020 (आशीष दुबे)- आखिर नरसिंहपुर कलेक्टर व अन्य अधिकारियों के समक्ष कैसे टूटे लाकडाऊन के नियम।
कोरोना काल में कड़े फैसलों के लिए जानें जाने वाले नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना बड़े ही संवेदनशील और नियम कानून मानने वाले अधिकारी हैं।
जिलें में लाकडाऊन के दौरान आम लोगों के बीच उनकी व पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरूकरण सिंह की लोकप्रियता बढ़ी है।
लोगों द्वारा दोनों अधिकारियों के स्केच बना बनाकर सोशल मीडिया में नरसिंहपुर के हीरो के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
लेकिन 3 मई 2020, प्रेस दिवस पर, ग्राम सिंघपुर में रोटरी क्लब के एक कार्यक्रम के दौरान नरसिंहपुर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों द्वारा लोगों के बीच जाकर लाॅकडाउन के नियमों को दरकिनार करने की चर्चा सोशल मीडिया में हो रही है।
खबर यह भी है कि रोटरी क्लब द्वारा 37 दिनों से बेघर, बेसहारा, जरूरतमंद लोगों को निशुल्क भोजन कराया जा रहा था, जोकि सराहनीय कार्य था।
आज रोटरी क्लब रसोई के अंतिम दिन नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरुकरण सिंह, एडीएम मनोज ठाकुर, एसडीएम एमके बमनहा, नरसिंहपुर सीएमओ किशन ठाकुर ग्राम सिंघपुर पहुँचे थे।
जहाँ सभी अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेन्स का खुला उल्लंघन किया गया, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया में हो रही है, लोगों ने इस पर आपत्ति जाहिर की है।
जिलें में चर्चा यह है कि जब उच्च अधिकारी ही लाॅकडाउन के नियमों का उचित पालन नहीं करेंगे तो आम जनता कैसे करेगी।
जिला प्रशासन द्वारा लाकडाऊन में कई नियम लागू किये हैं, जैसे की लोगों को सोशल डिस्टेन्स व मास्क का अनिवार्य पालन करना होगा, बाइक पर केवल एक व्यक्ति ही चल सकेगा, पांच सीटर कार में केवल दो व्यक्ति ही सवार हो सकेंगे, शादी समारोह में 10 से ज्यादा व्यक्ति शामिल नहीं हो सकते, जैसे और भी नियम हैं।
किंतु रोटरी क्लब के कार्यक्रम में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की वीडियो व फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसमें वे लाॅकडाउन के नियमों को दरकिनार करते नजर आ रहे हैं।
यह बात समझ से परे है कि कैसे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेन्स व अन्य नियमों का पालन नहीं किया गया।
यदि एक आम आदमी गलती से लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर दे, तो शायद ही ऐसा कोई अधिकारी होगा जो उस आम आदमी को माफ करता।
हम आपको बता दें कि विगत दिनों ही करेली तहसील अंतर्गत बरमान कला में बजरंग समिति द्वारा जरूरतमंद बेसहारा लोगों को निशुल्क भोजन कराया जा रहा था, पर सोशल डिस्टेन्स नियमों का हवाला देकर उस समिति के जनहित के कार्यों को बंद करा दिया गया था।
फिर रोटरी क्लब द्वारा सोशल डिस्टेन्स का उल्लंघन करना अधिकारीयों को क्यों नहीं दिखा, यह एक बड़ा सवाल है।
इसको लेकर फेसबुक में एक व्यक्ति ने बड़ी अच्छी बात कही है। समरथ को नही दोष गोसाई।

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