Breaking News

नई दिल्ली - प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की बात - आइये जानते हैं क्या कहा उन्होंने


नई दिल्ली - समाचार संकलन - (अजयसिंह राजपूत) - कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए खाने से लेकर, राशन, लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्विपमेंट का देश में ही निर्माण- आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है।


लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन किया -

पिछले दिनों ही हमारे यहां बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया न्यू ईयर ऐसे अनेक त्योहार आये। हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, सादगी के साथ मनाया। लॉकडाउन के नियमों का पालन किया। इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर ही मनाया है। इस वैश्विक-महामारी, कोविड-19 के संकट के बीच आपके परिवार के एक सदस्य के नाते, और आप सब भी मेरे ही परिवार-जन हैं, तब कुछ संकेत करना, कुछ सुझाव देना, यह मेरा दायित्व भी बनता है।

रमजान को बनाएं सेवा भाव का प्रतीक - 

रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। मुझे विश्वास है कि रमजान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ चल रही इस लड़ाई को हम और मजबूत करेंगे।

थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए -

उन्होंने कहा कि हमारे समाज में एक और बड़ी जागरूकता ये आई है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं। अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए। ये बातें जहां बेसिक हाइजीन का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी।

समय के साथ मास्क के प्रति बदली धारणा -

उन्होंने कहा कि साथियो, वैसे कोविड-19 के कारण कई सकारात्मक बदलाव, हमारे काम करने के तरीके, हमारी जीवन-शैली और हमारी आदतों में भी स्वाभाविक रूप से अपनी जगह बना रहे हैं। इनमें सबसे पहला है– मास्क पहनना और अपने चेहरे को ढ़ककर रखना। जब मैं मास्क की बात करता हूं, तो, मुझे पुरानी बात याद आती हैं। एक जमाना था, कि हमारे देश के कई ऐसे इलाके होते थे कि, वहां अगर कोई नागरिक फल खरीदता हुआ दिखता था तो लोग उसको जरुर पूछते थे– क्या घर में कोई बीमार है? समय बदला और ये धारणा भी बदली।


समाज के नजरिए में आया व्यापक बदलाव -

मन की बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब अनुभव कर रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ इस लड़ाई के दौरान हमें अपने जीवन को, समाज को, आप-पास हो रही घटनाओं को, एक ताजा नजरिए से देखने का अवसर भी मिला है। समाज के नजरिए में भी व्यापक बदलाव आया है। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों- इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है।

स्वास्थ्यकर्मियों की रक्षा करना जरूरी था -

पीएम ने कहा कि हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूंगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका है। उनका ये परिश्रम बहुत प्रशंसनीय है।

सरकार ने सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा -

उन्होंने बताया कि सरकार ने http://covidwarriors.gov.in के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के स्वयंसेवी, नागरिक समाज के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। इनमें डॉक्टरr, नर्सिज, आशा, एएनएम, एनसीसी, एनएसएस, व अन्य प्रोफेशनल्स हैं जो क्राइसिस मैनेजमेंट प्लान बनाने मदद कर रहें हैं। साथियो, हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है।



कोई टिप्पणी नहीं