रिक्शे पर पूजा पाठ का सामान रख परिक्रमा पर निकले परिक्रमावासी पहुंचे तेंदूखेड़ा
ऐसा ही उदाहरण ग्राम सालीचौका निवासी 60 बर्षीय बृद्ध रामसेवक ने नर्मदा परिक्रमा करते हुए प्रस्तुत किया।
देव उठनी एकादशी से अपनी परिक्रमा प्रारंभ करने वाले बृद्ध आज नर्मदा के उदगम स्थल अमरकंटक से यात्रा करते तेंदूखेड़ा पहुंचे, यात्रा के दौरान एक महिला परिक्रमावासी भी उनके साथ चल रही है, जहां न्यूज़ एक्सप्रेस एटीन संवाददाता आदित्य नायक को उनसे भेंट का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
तीन चक्के वाले रिक्से पर पूजा पाठ और पहनने, ओडने के कपड़े साथ लेकर नंगे पैर यात्रा कर रहे है, जहाँ तेज धूप हो जाती है, वही वृक्ष तले ठहर भोजन पानी विश्राम कर आगे निकल जाते है, अधिकांशतः वह मां नर्मदा तट के किनारे ही रात्रि विश्राम करते है।
कोरोना संक्रमण के सवाल पर परिक्रमा वासी कहते हैं की मां रेवा ही सबकी तारणहार है, रामसेवक कहते हैं की परिक्रमा के दौरान हम अधिकतर गांव के बाहर से ही गुजरते हैं, किसी के साथ मेलजोल कम ही करते हैं।
चलते रास्ते में खाने पीने की समस्या का बडे़ सहज भाव से उत्तर देते हुए कहा कि मां नर्मदा कभी किसी को भूखा नहीं रखती है।
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