होशंगाबाद राशन वितरण परिक्रमा, अब बिना थम्ब नहीं मिलेगा राशन, प्रशासन और वितरकों में मतभेद
गरीबों को एक रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल शासकीय राशन दुकानों से राशन आवंटित किया जाता है।
वीपीएल कार्ड धारियों की पहचान के लिए राशन दुकानों में थम्ब मशीनें लगाई गई है, ताकि कोई गरीबों के हक के राशन में सेंधमारी ना कर सके।
लेकिन कोरोना संकट के दौरान शासन ने आदेश दिए थे कि कार्ड धारियों के अलावा जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी राशन दिया जाए, शासन द्वारा वीपीएल कार्ड धारियों को एक मुश्त तीन माह का राशन वितरित किया गया था।
जिसके बाद जरूरत मंद लोगों की पहचान कर शासन द्वारा प्रति व्यक्ति चार किलो अनाज मुफ्त दिया गया था।
लेकिन अब नए आवंटन में राशन कार्ड धारियों के थम्ब मशीन में उंगलियों के निशान के आधार पर ही राशन दिया जाएगा।
नए आवंटन में प्रति व्यक्ति पांच किलो प्रति माह के हिसाब से दो माह का राशन मुफ्त दिया जा रहा है।
हालांकि इसमें भी शासन और वितरकों के अलग अलग मत है।
शासन की और से होशंगाबाद एसडीएम का कहना है कि बिना पहचान के राशन वितरण में गड़बड़ियों की काफी संभावना है, जिस कारण अब बिना थम्ब पहचान के किसी को राशन नही दिया जाएगा।
वहीं वितरक कहते है कि इसमें कई तरह की परेशानियां है, पहचान के आधार पर राशन वितरण में सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन होगा, वहीं मशीन को भी बार बार सेनेटाइज करना होगा, जिसमे समय के साथ साथ बीमारी फैलने का भी काफी खतरा रहेगा।
वैसे देखा जाय तो राशन वितरण प्रणाली में आये दिन गड़बड़ियां उजागर होती रहती है। जिसमे वितरकों की अहम भूमिका होती है। थम्ब मशीन से राशन वितरण में कहीं ना कहीं भ्रष्ट वितरकों के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
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