जबलपुर- नर्मदा गौकुंभ के अंतिम दिन साधु-संतों ने किया शाही स्नान
जबलपुर/ 04 मार्च 2020- जबलपुर माँ नर्मदा के ग्वारीघाट तट पर 24 फरवरी से चल रहे नर्मदा गौ कुम्भ के आज अंतिम दिन साधु संत और अखाड़ो ने शाही स्नान किया, और माँ नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान से पहले गीताधाम कुम्भ स्थल से साधु संत और अखाड़ो का शाही जलूस ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से निकला। यह शाही जलूस गीताधाम कुम्भ स्थल से रेल्वे स्टेशन, वन विभाग कालोनी, रेत नाका, झण्डा चौक होते हुए उमा घाट पहुँचा। यहाँ पर दिगम्बर, जूना, निर्मोही, निर्माणी अखाड़ो के महामंडलेश्वर और साधु संतों ने शाही स्नान किया।
नर्मदा गौ कुम्भ में शाही स्नान को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। शाही स्नान को लेकर दिगम्बर आखाड़े के महंत योगीराज, शिवमदास महाराज ने बताया कि यह अमृत कुम्भ के रूप में मनाया जाता है, शाही स्नान का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है कि कुम्भ के दौरान जब साधु संत और आखाड़े शाही स्नान करते है तब उनके साथ 33 करोड़ देवी देवता भी धरती पर उतरकर शामिल होते है। यही वजह है कि आज इस शाही स्नान को देखने सुबह से ही हजारों लोग नर्मदा तट के ग्वारीघाट में मौजूद थे वही लोगो ने साधु संतों का आशीर्वाद लेकर आस्था की डुबकी लगाई। आज के शाही स्नान के समय जिला प्रशासन और पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तेद रही।
नर्मदा गौ कुम्भ में शाही स्नान को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। शाही स्नान को लेकर दिगम्बर आखाड़े के महंत योगीराज, शिवमदास महाराज ने बताया कि यह अमृत कुम्भ के रूप में मनाया जाता है, शाही स्नान का बहुत महत्व होता है। कहा जाता है कि कुम्भ के दौरान जब साधु संत और आखाड़े शाही स्नान करते है तब उनके साथ 33 करोड़ देवी देवता भी धरती पर उतरकर शामिल होते है। यही वजह है कि आज इस शाही स्नान को देखने सुबह से ही हजारों लोग नर्मदा तट के ग्वारीघाट में मौजूद थे वही लोगो ने साधु संतों का आशीर्वाद लेकर आस्था की डुबकी लगाई। आज के शाही स्नान के समय जिला प्रशासन और पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तेद रही।
कोई टिप्पणी नहीं