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नरसिंहपुर जिले में 8 से 22 मार्च तक मनाया जायेगा पोषण पखवाड़ा

नरसिंहपुर/ 08 मार्च 2020 (आशीष दुबे)- नरसिंहपुर जिले में 8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा मनाया जायेगा। इसके तहत महिला एवं बाल विकास के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम किये जायेंगे। यह जानकारी महिला बाल विकास अधिकारी आरसी त्रिपाठी द्वारा जिला स्तरीय अभिसरण बैठक में दी गई।
कलेक्टर  दीपक सक्सेना ने कहा कि इन सभी गतिविधियां तभी सार्थक होगी जब यह लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करें। उचित खान-पान, पोषण एवं बैलेंसड डाइट हमारी जीवन शैली का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिये। साप्ताहिक हाट बाजारों में पोषण संबंधी साहित्य सामग्री, पैम्पलेट, फ्लैक्स, बैनर इसमें सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। लोगों को यह बताना आवश्यक है कि उन्हें आपके खान- पान में क्या शामिल करना है, क्या खाना है, कब खाना है, कितनी बार खाना है। यह छोटे- छोटे बिंदुओं की जानकारी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। ग्राम चौपालों को इन पोषण मेलों से संबद्ध किया जायेगा। हमारे खान- पान में हरी सब्जियां, सलाद, दूध से बने उत्पाद भी शामिल हो। नरसिंहपुर जिले से उत्पादित मौसमी फल, सब्जियों की भी विस्तृत जानकारी लोगों तक प्रसारित की जाये। सभी विभाग इसमें अपनी सहभागिता करें। निजी प्रतिष्ठानों,होटलों में रसाईयों को आमंत्रित कर उन्हें भी वर्कशॉप के माध्यम से जानकारी प्रदान की जाये। आंगनबाड़ी, स्कूल मं मध्यान्ह भोजन में पोषण युक्त भोजन की सुनिश्चितता, स्कूलों में किचन गार्डन की पहल सकारात्मक प्रभाव ला सकती है, जो मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी ला सकती है।
पखवाड़े के दौरान आयोजित होगी निम्न गतिविधियां:-
     पोषण के परिप्रेक्ष्य में जीवन के प्रथम 100 दिवस के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकता पर जागरूकता लाना।
गर्भवस्था देखभाल एवं जन्म के प्रथम 2 वर्ष के दौरान सतत स्तनपान तथा समय पर ऊपरी आहार एवं उसकी निरंतरता बनाये रखना।
     एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए “एनीमिया मुक्त भारत” के दिशा- निर्देशानुसार आयरन सेवन एवं खाद्य विविधता।
5 वर्ष के बच्चों के शारीरिक वृद्धि पर निगरानी।
किशोरी शिक्षा, पोषण शिक्षा का अधिकार, सहही उम्र में विवाह, सफाई एवं स्वच्छता तथा पोषण जागरूकता पर जनजागृति लाना।
     पोषण पखवाड़ा के आयोजन हेतु पोषण अभियान में अधिकतम पुरूषों की सहभागिता सुनिश्चित कर पोषण परिणामों में अधिकतम सुधार लाना है। पोषण के परिप्रेक्ष्य जीवन के प्रथम 100 दिवस के दौरान स्वास्थ्य एवं पोषण आवश्यकता पर जागरूकता,गर्भावस्था देखभाल एवं जन्म के प्रथम दो वर्ष के दौरान सतत स्तन पान तथा सही समय पर ऊपरी आहार एवं उसकी निरंतरता, एनीमिया या शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए एनीमिया मुक्त भारत के निर्माण हेतु आयरन सेवन एवं खाद्य विविधता की जानकारी, पांच वर्ष तक के बच्चों की शारीरिक वृद्धि निगरानी, किशोरी बालिकाओं के शिक्षा, पोषण शिक्षा का अधिकार, सही उम्र में विवाह, सफाई एवं स्वच्छता तथा पोषण जागरूकता लाने के संबंध में कार्य किया जायेगा।

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