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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक करोड़ का तालाब जावरपाठा के ढिलवार का मामला-

तेंदूखेड़ा- भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक करोड़ का तालाब जावरपाठा के ढिलवार का मामला-
तेंदूखेड़ा- पूरे देश में इस समय बहस छिड़ी हुई है कि पानी के संकट से कैसे उबरा जाए।
पानी के संग्रहण एवम् संरक्षण के पर शासन विशेष ध्यान दे रहा है।
इसी के चलते नरसिंहपुर जिले के चावरपाठा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम ढिलवार में 10 एकड़ भूमि पर एक करोड़ की लागत से तालाब का निर्माण कराया जा रहा है।
लेकिन यहां भी भ्रष्टाचार के चलते करोड़ों रुपए पानी में बह गए।
कुछ माह पूर्व ही बना तालाब बारिश की मार नहीं झेल सका और तालाब के चारों ओर बनाई गई मेढ़ फूट गई जिससे लाखों लीटर पानी बह गया।
तालाब निर्माण में नियम अनुसार 10 फीट की खुदाई करवाकर उसमें काली मिट्टी डालकर मजबूत बेस बनाकर पार का निर्माण किया जाना था।
जिसके दोनों तरफ पत्थरों की पिचिंग भी कराई जानी थी, परंतु इसके विरत ठेकेदार के द्वारा सड़क की मिट्टी का उपयोग करते हुए ना पत्थरों की पिचिंग कराई गई, और नाही नियम अनुसार कार्य किया गया। जिसका नतीजा यह निकला कि एक बारिश में ही तालाब टूट गया जिससे पास में स्थित पुराना तालाब अपने अस्तित्व का रोना रो रहा है।
तालाब निर्माण का कार्य महाराष्ट्र की कंपनी एमपी कंस्ट्रक्शन को दिया गया था, जिसने एक स्थानीय नोसिखिये ठेकेदार को पेटी पर निर्माण कार्य सौप दिया।
एमपी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपना लाभ निकालने के पश्चात उक्त निर्माण का ठेका स्थानीय ठेकेदार मिथिलेश राजोरिया नामक व्यक्ति को दे दिया। जिसने पास में ही निर्मित एनएच 12 सड़क से खोदी जा रही मिट्टी को उठाकर तालाब की पार दीवार बना दी, और लाखों रुपए का झोल कर डाला।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े तालाब के फूट जाने के बाद, अब जांच की मांग उठने लगी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब ठेका महाराष्ट्र की कंपनी को दिया गया था, तो फिर स्थानीय नोसिखिए ठेकेदार से कार्य क्यों कराया गया, इसकी जांच होना चाहिए।

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