मध्य प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में सड़कों पर अन्नदाता
किसानों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने 7 दिन का आश्वासन दिया था लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
मूंग उड़द की फसल का पैसा ना आने से किसान परेशान है, इसी के चलते किसान सड़कों पर उतरे और जुलूस निकालकर तहसील परिसर में किसानों ने धरना दिया।
तहसील कार्यालय के सामने घंटों किसान संघर्ष समिति ने भजन किये।
गुरुवार को क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने एकत्रित होकर मध्यप्रदेश शासन की संवेदनशीलता को उजागर करते हुए किसानों ने अपनी समस्याओं को उजागर किया।
गोटेगांव के हजारों किसानों ने जनवरी 2018 में 18371 क्विंटल उड़द, और 172 क्विंटल मूंग शासकीय पैमाने पर बेचा था। जिसमें 7 दिनों के अंतर भुगतान का वचन शासन द्वारा दिया गया था।
परंतु अधिकारी-कर्मचारी और सत्ता से जुड़े लोगों के षड्यंत्र के कारण किसानों के अनाज को अमानक बताया गया।
किसानों का कहना है कि उनके साथ छलावा किया जा रहा है, अनाज बेचने के कुछ ही समय बाद पैसे आने थे, परंतु आज लगभग 9 माह बाद भी किसानों को उनकी फसल का पैसा नहीं मिला।
गरीब किसान भुगतान पाने के लिए भटक रहा है।
किसानों का कहना है कि इस वर्ष अति वर्षा के कारण जो फसलें खेत में खड़ी थी वह पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं जिससे उनका बीज तक समाप्त हो गया है।
मध्यप्रदेश सरकार समय रहते किसानों की मांग पूरा नहीं करती तो प्रदेश में अराजक्ता की स्थिति निर्मित हो सकती है जिसके लिए स्वयं मध्य प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।
उक्त मांगों को लेकर गोटेगांव तहसीलदार को किसान संघर्ष समिति ने ज्ञापन सौंपा, जिसमें जल्द से जल्द अपनी मांगों को पूरा किए जाने का प्रतिवेदन दिया, और कहां जल्द हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़ा जनाक्रोश आंदोलन करने किसान मजबूर होंगे।
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