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सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने तक स्वरूपानंद जी होंगे दोनों पीठों के शंकराचार्य


गोटेगांव- जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज मथुरा वृंदावन में चल रहे चतुर्मास कार्यक्रम की समाप्ति के बाद परमहंसी गंगा आश्रम में विराजमान है, आपको बता दें की ज्योतिष पीठ को लेकर तथाकथित स्वयंभू शंकराचार्य वासुदेवानंद ने अपने आप को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अपील दायर की थी जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्वरूपानंद जी को द्वारका एवं शारदा पीठ का शंकराचार्य माना था, जिसे लेकर वासुदेवानंद ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय नहीं आता तब तक शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ही ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे।
     परमहंसी गंगा आश्रम में द्वारिका एवं शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद स्वरस्वती जी ने मीडिया से रूबरू होकर शंकराचार्य स्वरूपानन्द और वासुदेवानन्द के विवादित मामले में स्वरूपानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है की वर्तमान में स्वरूपानंद सरस्वती ही है द्वारिकापीठ के साथ साथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि खुद को शंकराचार्य कहने वाले वासुदेवानन्द शंकराचार्य नही है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य है जब तक सर्वोच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय नहीं आता उत्तर प्रदेश प्रशासन उनको शंकराचार्य के रूप में मान्यता देते हुए कुंभ मेले में भूमि आवंटन करें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी बाधा के स्वरूपानंद द्वारिका शारदापीठ के  साथ साथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बने रहेंगे इनके अनुकूल ही उन्हें कुंभ मेले में भूमि आवंटित की जावे वही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वासुदेवानंद कभी भी शंकराचार्य नहीं रहे हैं यदि वासुदेवानंद मेले में भूमि लेना चाहे तो वह प्रशासन से भूमि की मांग कर सकते हैं किंतु शंकराचार्य के रूप में नहीं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर किया कटाक्ष
वही मीडिया के सवालों पर शंकराचार्य ने मोहन भागवत के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल हिदुस्तान में रहने वाला व्यक्ति ही हिन्दू नही, हिंदू सनातन धर्म के अनुसार विश्व के किसी भी देश मे रहने वाला व्यक्ति जो सनातन धर्म को मानता है वह भी हिन्दू है शंकराचार्य ने राम मंदिर विवाद पर कहा कि अयोध्या में भगवान राम की आराध्य के रूप में प्राण प्रतिष्ठा होना चाहिए उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अयोध्या में राम मंदिर मैं भगवान राम की एक महान पुरुष की भांति मूर्ति स्थापित करना चाहती है इससे सनातनी लोगो को लाभ नही होगा, जगद्गुरु ने कहा कि अमित शाह और उमाभारती क्यों शिरडी जाते है यदि शिरडी में भगवान है तो फिर अयोध्या में कौन है, उनका आचरण सनातनी धर्म के अनुकूल नहीं है।
     वही 5 राज्यो में विधानसभा चुनाव के पूर्व केंद्र सरकार पर शंकराचार्य बड़ा हमला बोलते हुए मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मोदी ने चुनावी मेनिफेस्टो का पालन किया, गो माँस का भारत आज भी सबसे बड़ा निर्यातक देश है...

     उन्होंने कहा कि मोदी कहते है गंगा ने मुझे बुलाया है पर बनारस तक गंगोत्री का पानी नही पहुंचा,  इस सरकार ने न खाने के लिए शुध्द अन्न छोड़ा न जल मीडिया द्वारा नर्मदा के प्रदूषण के सवाल पर स्वरूपानंद बोले नर्मदा में मिल रहा मलमूत्र का दूषित जल, जो मां कही जाने वाली नर्मदा को प्रदूषित कर रहा है, शौचालय पर शंकराचार्य ने कहा की पीने के लिए पानी नही पर घर घर शौचालय की बाते होती है पानी बिना शौचालय भी बेकार है जितना पानी हम इस्तेमाल करते हैं शौचालय में उससे 15 गुना अधिक पानी लगता है, अवैध खनन के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि अवैध खनन से नर्मदा की धारा अवरुद्ध हो रही है हम हमेशा इसकी निंदा करते रहेंगे क्योंकि यह न्यायोचित नही है। 

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