भोपाल में भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ, पोस्टर-कटआउट से उमा और गौर के चेहरे नदारद,
भोपाल- 25 सितंबर यानि मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ताओं का महाकुंभ करने जा रही है। इसमें पहली बार पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश में एक साथ मंच साझा करेंगें। इस महाकुंभ में दस लाख कार्यकर्ताओं के शामिल होने का अनुमान है। इस महाकुंभ के माध्यम से बीजेपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा शक्ति प्रदर्शन करेगी। इस आयोजन पर बीजेपी करीब 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। महाकुंभ को लेकर भोपाल के जम्बूरी मैदान में तैयारियां पूरी हो चुकी है। तैयारियों के बीच एक बडी चूक सामने आई है। पूरे मैदान में 2003 में प्रदेश में बीजेपी की वापसी कराने वाली उमा भारती और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का कटआउट नहीं लगाया गया है।
इतना ही नही पोस्टरों में भी उनकी दोनों वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई है। दोनों को कही भी कोई स्थान नहीं दिया गया है।हैरानी की बात तो ये है कि कार्यक्रम गोविंदपुरा क्षेत्र में होना है जो कि बाबूलाल गौर का एरिया है। ऐसे में गौर के पोस्टर ना लगाकर विधायक रामेश्वर शर्मा और महापौर आलोक शर्मा के पोस्टरों का लगाया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। मामले के सामने आते ही भाजपा में हड़कंप मच गया है।वही विपक्ष ने एक बार फिर इस मुद्दे को लपकते हुए भाजपा पर हमले बोलना शुरु कर दिया है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की गुटबाजी करार दिया है।
सभी वर्गों के नेताओं के लगाए गए पोस्टर-कटआउट
इसी बीच भाजपा को सवर्ण, सपाक्स और कई संगठनों के विरोध की भी चिंता सताने लगी है। जिसके कारण मैदान में सभी वर्गों के नेताओं के पोस्टर भी लगाए गए है। मैदान के रास्ते पर अनुसूचित जाति से लेकर पिछड़ा वर्ग के नेताओं के खास करके पोस्टर लगाए गए है। पार्टी द्वारा प्रहलाद पटेल, ज्योति धुर्वे और वीरेन्द्र खटीक के साथ साथ सभी वर्गों के नेताओं के कटऑउट लगाए गए है। चुंकी बीते दिनों मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को सपाक्स और सवर्णों के विरोध का सामना करना पड़ा था ,ऐसे में भाजपा पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लेकर कोई लापरवाही नही बरतना चाहती। इन पोस्टरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भाजपा में हर वर्ग को महत्व दिया जाता है। किसी के साथ कोई अन्याय नही होने दिया जाता।
इतना ही नही पोस्टरों में भी उनकी दोनों वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की गई है। दोनों को कही भी कोई स्थान नहीं दिया गया है।हैरानी की बात तो ये है कि कार्यक्रम गोविंदपुरा क्षेत्र में होना है जो कि बाबूलाल गौर का एरिया है। ऐसे में गौर के पोस्टर ना लगाकर विधायक रामेश्वर शर्मा और महापौर आलोक शर्मा के पोस्टरों का लगाया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। मामले के सामने आते ही भाजपा में हड़कंप मच गया है।वही विपक्ष ने एक बार फिर इस मुद्दे को लपकते हुए भाजपा पर हमले बोलना शुरु कर दिया है। कांग्रेस ने इसे बीजेपी की गुटबाजी करार दिया है।
सभी वर्गों के नेताओं के लगाए गए पोस्टर-कटआउट
इसी बीच भाजपा को सवर्ण, सपाक्स और कई संगठनों के विरोध की भी चिंता सताने लगी है। जिसके कारण मैदान में सभी वर्गों के नेताओं के पोस्टर भी लगाए गए है। मैदान के रास्ते पर अनुसूचित जाति से लेकर पिछड़ा वर्ग के नेताओं के खास करके पोस्टर लगाए गए है। पार्टी द्वारा प्रहलाद पटेल, ज्योति धुर्वे और वीरेन्द्र खटीक के साथ साथ सभी वर्गों के नेताओं के कटऑउट लगाए गए है। चुंकी बीते दिनों मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को सपाक्स और सवर्णों के विरोध का सामना करना पड़ा था ,ऐसे में भाजपा पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लेकर कोई लापरवाही नही बरतना चाहती। इन पोस्टरों के माध्यम से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भाजपा में हर वर्ग को महत्व दिया जाता है। किसी के साथ कोई अन्याय नही होने दिया जाता।
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