एक और बाबा का पर्दाफाश - पाखंडी बाबा आशुभाई महाराज निकला आशिफ खान
मां के बाद नाबालिग बेटी को भी बनाया हवस का शिकार - उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद की एक 40 वर्षीय महिला ने आशु भाई गुरुजी महाराज पर बलात्कार करने का आरोप लगाया। महिला ने हौजखास थाने में मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि इस ढोंगी बाबा ने न केवल मेरे साथ बलात्कार किया बल्कि मेरी नाबालिग मासूम बेटी को भी अपनी हवस का शिकार बनाया। यही नहीं, आशु भाई के बेटे और उसके दोस्तों ने 2008 से 2013 तक मेरा यौन शोषण किया।
मासूम बच्ची को नग्न करके करता था मालिश - थाने में दर्ज रिपोर्ट में महिला ने कहा कि मेरी नाबालिग बेटी के पैरों में दर्द रहा करता था। जब यह बात उसने आशु भाई उर्फ आसिफ को बताई, तो ज्योतिषाचार्य ने कहा कि वह बच्ची को ठीक कर देगा। इलाज के नाम पर वह मेरी बेटी को नग्न करके मालिश किया करता था। एक दिन वह बच्ची को झांसे से अपने रोहिणी आश्रम ले गया और उसके साथ उसने बलात्कार किया।
वोटर लिस्ट में आशु भाई का नाम आसिफ - भारतीय निर्वाचन आयोग की वोटर लिस्ट में भी आशु भाई गुरुजी के असली नाम का खुलासा हुआ कि वह हिन्दू नहीं, मुसलमान है। वोटर लिस्ट में उसकी तस्वीर के सामने उसका असली नाम आसिफ खान लिखा हुआ है जबकि उसके बेटे की तस्वीर के सामने उसका नाम समर खान दर्ज है। यह भी पता चला है कि वह हर शुक्रवार को नमाज भी पढ़ने जाया करता है।
आसिफ खान से आशु भाई महाराज बनने की कहानी - आसिफ खान 1990 में वजीरपुर के जेजे कॉलोनी में एक साइकल रिपेयरिंग की दुकान चलाया करता था। 1997 तक यहां रहने के बाद उसने ज्योतिष विद्या सीखकर लोगों की जन्म कुंडली और हाथों की रेखा देखकर भविष्य बताना शुरू कर दिया। आसिफ के पिता को उसकी ये हरकतें रास नहीं आईं और उन्होंने उसे घर से निकाल दिया।
रोहिणी इलाके में आश्रम - जेजे कॉलोनी से निकलकर आसिफ ने अपना अगला ठिकाना सराय रोहिल्ला को बनाया और पदम नगर में उसने ऑफिस खोला। वशीकरण और जादू-टोना के नाम पर जब लोगों से मोटी कमाई करने के बाद भी उनके काम नहीं बने, तो वह यहां अपना धंधा समेटकर फरार हो गया। बाद में उसने दिल्ली के महंगे रोहिणी इलाके में अपना आश्रम बना डाला। आशु भाई उर्फ आसिफ की ज्योतिषी की दुकान अच्छी चल पड़ी। देखते ही देखते वह इलाके में मशहूर हो गया और टीवी चैनलों के जरिए वह लाखों-करोड़ों में खेलने लगा।
श्रद्धा आश्रम में अधर्म का कर्मकांड - रोहिणी इलाके में जहां तथाकथित ज्योतिषाचार्य आशु भाई गुरुजी का आश्रम है, उसका नाम श्रद्धा आश्रम है, जहां आस्था के चोले में अधर्म के 'कर्मकांड' का गोरखधंधा होता है। आशु ने यहां पर तंत्र-मंत्र के मायाजाल में कई मासूम लोगों को अपना शिकार बनाकर करोड़ों की कमाई की है। इस कमाई को उसने रियल स्टेट में खपाया। वह टीवी के जरिए वशीकरण यंत्र भी बेचा करता था।
आश्रम के आसपास रहने वालों की मानें तो यहां पर आए दिन कोई न कोई अनुष्ठान होता रहता था और लोगों की भारी भीड़ जमा रहती थी। दिल्ली में अब इस नए बाबा की गिरफ्तारी से पाखंड की दुकान में महिला और बच्ची की आबरू से खिलवाड़ करने के मामले का खुलासा हुआ है। इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर उन बाबाओं की याद दिला दी, जो इस वक्त जेल की सलाखों के पीछे हैं।
बलात्कारी बाबाओं में शुमार हैं- आसाराम बापू, बाबा रामरहीम, दाती महाराज, बाबा रामदास, वीरेन्द्र देव दीक्षित, इच्छाधारी बाबा भीमानंद, स्वामी अमृत चैतन्य और बिशप फ्रेंको मुल्लकन। आस्था के इन लुटेरों को देश का कानून तो अपनी सजा देगा, लेकिन सवाल फिर वही है कि आखिर धर्म के नाम पर ये दुकानदारियां कब तक चलेंगी?
ऐसे कर्मकांडियों के लिए कड़े कानून की जरूरत है।
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