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सुप्रीम कोर्ट का आदेश - बिना बीमा वाले वाहन से हुआ हादसा तो वाहन बेचकर दिया जायेगा मुआवजा

नई दिल्ली-  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक अहम फैसले में आदेश सुनाया कि बिना बीमा वाले  बहन से यदि दुर्घटना होती है तो पीड़ित व्यक्ति को वाहन बेचकर मुआवजा दिया जाए शीर्ष अदालत ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया कि 12 हफ्ते के अंदर इस नियम को लागू करें इस आदेश के बाद अब ऐसे वाहन दुर्घटना के बाद पहले जप्त किए जाएंगे और उसे बाद में बेचकर पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा दिया जाएगा ऐसे वाहनों को बेचने का काम एमएसीटी कोर्ट करेगी सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया इस मामले में याचिकाकर्ता उषा देवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस तरह का नियम दिल्ली एमएसीटी एक्ट में है लेकिन बाकी राज्यों में यह नियम नहीं है इससे सबसे ज्यादा नुकसान दुर्घटना कि पीड़ित व्यक्ति को उठाना पड़ता है यही कारण है कि बिना बीमा वाले वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित या उसके परिवार को वित्तीय मदद नहीं मिल पाती है याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के नियम सभी राज्यों में होने चाहिए सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता के इस अपील को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य सरकारों को इस पर 12 सप्ताह के अंदर लागू करने को कहा,
इंश्योरेंस कंपनी को लगाई फटकार
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़क सड़क दुर्घटना में हर वर्ष एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है हर 3 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है दुर्घटना के बाद पीड़ित या पीड़ित के परिवार को पैसो की आवश्यकता होती है और आप 8 महीने का समय मांग रहे हैं किसी भी कीमत पर आपको 8 महीने का समय नहीं दिया जा सकता
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य 

आदेश के अनुसार नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय 3 सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया है दोपहिया वाहनों के लिए 5 साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य किया गया है, 

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