दण्डी स्वामी जी का जन्मदिन आज 11 पंडित करेंगे रूद्राभिषेक- 1000 लड्डू का होगा अर्चन
उक्त वार्षिक महोत्सव कार्यक्रम में जबलपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर-डॉ दीपक बहराणी जी एम.डी. (हृदय रोग विशेषज्ञ) जबलपुर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर जबलपुर, डॉक्टर राजेश धीरावाणी जी एम.डी.एस. प्रबंधक, हितकारिणी डेंटल कॉलेज जबलपुर, डॉ व्ही के भारद्धाज डी.एम.(एंडोक्रिनोलॉजी) डॉ मोहसिन आसीन डी.ओ.आर.एल. (नाक कान गला रोग विशेषज्ञ) डॉक्टर सुनील पटेल डी.ओ.एम.एस. (हड्डी रोग विशेषज्ञ) अपनी उपस्थिति प्रदान करेंगे
विदित हो कि शंकराचार्य नेत्रालय की स्थापना स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती चैरिटेबल के अध्यक्ष पूज्य दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा 7 जून 2013 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के द्वारा की गई थी शंकराचार्य नेत्रालय में मोतियाबिंद का ऑपरेशन निशुल्क किया जाता है इसमें मरीजों के आंख का निशुल्क ऑपरेशन के साथ-साथ दवा, लेंस, चश्मा, भोजन व ठहरने की व्यवस्था भी ट्रस्ट द्वारा नि:शुल्क प्रदान की जाती है। शंकराचार्य नेत्रालय में आंखों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के अलावा आंखों के चश्मे की जांच नाखूना अकसूर जाले की सफाई आंखों के पर्दे की जांच गांठ का ऑपरेशन कांचियाबिंद की जांच आदि जांच एवं ऑपरेशन किए जाते हैं। शंकराचार्य नेत्रालय में प्रतिदिन नरसिंहपुर, जबलपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला, होशंगाबाद, सागर, दमोह, रायसेन, बालाघाट, कटनी, बेतूल, आदि जिलों के मरीज अपनी आंखों की जांच के लिए पहुंचते हैं शंकराचार्य नेत्रालय में अभी तक लगभग 86000 मरीजों की रजिस्ट्रेशन व जांच एवं 27000 आंखों के ऑपरेशन किए जा चुके हैं शंकराचार्य नेत्रालय द्वारा दूर दराज के गांव क्षेत्रों में जाकर आई मोबाइल एंबुलेंस द्वारा नि:शुल्क कैंप आयोजित किए जाते हैं जिसमें मरीजों की आंखों की जांच के दवा एवं चश्मा का वितरण किया जाता है।
विदित हो कि पूज्य दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा गांव के गरीब व आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए गिरिजा देवी धनपति उपाध्याय सार्वजनिक विकास समिति द्वारा श्री शंकराचार्य बाल विद्या निकेतन की स्थापना भी झोतेश्वर में की गई है उक्त विद्यालय में कक्षा LKG से बारहवीं तक लगभग 750 बच्चे अध्ययनरत हैं एवं 8 बसों के माध्यम से गांव-गांव जाकर आदिवासी बच्चों को आवागमन की सुविधा भी प्रदान कर उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है उक्त विद्यालय के छात्र हर वर्ष मध्यप्रदेश शासन की बोर्ड परीक्षा में जिले एवं राज्य की मेरिट लिस्ट में अपना व संस्था का नाम रोशन करते हैं।
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