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मांझी समाज ने की अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन


रायसेन/देवरी:-17 जून 2023 (डालचंद लोधी)- मांझी, मलाह, केवट, धीमर भोई समाज ने विगत दिवस देवरी तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में मांग की गई है कि मांझी समाज जो पहले अनुसूचित जनजाति में समाहित थी, लेकिन बाद में सूची को अधिसूचित कर पिछड़ा वर्ग में समाहित कर दिया गया, जिससे मांझी समाज को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ा है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के वित्त कालीन सत्र में एक सवाल क्रमांक 1121 के जबाब में आदिम जाति कल्याण मंत्री ने स्पष्ट किया कि धीमर, केवट, मलाह, भोई ही मूल मांझी जनजाति है।
दरसअल मांझी समाज जो कि प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की अधिसूचित सूची 1951 के क्रमांक 7 में मांझी जनजाति में दर्ज है।
मांझी समाज का कहना है कि मांझी जनजाति जो कि पहले अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आती थी, जिसे बाद में हटाकर अनुसूचित जनजाति के सरल क्रमांक 29 में शामिल कर दिया गया, जिससे मांझी समाज अनुसूचित जनजाति से पिछड़ा वर्ग में समाहित हो गयी, जिससे मांझी समाज को अनुसूचित जनजाति के मिलने वाले लाभ से वंचित होना पड़ा।
मांझी समाज का आरोप है कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने मांझी समाज को पिछड़ा वर्ग की सूची क्रमांक 12 में सम्मिलित कर मांझी, मलाह, धीमर, भोई, केवट समाज के अनुसूचित जनजाति के अधिकारों से वंचित करने का दुष्कृत्य किया गया है।
इसी संबंध में मांझी समाज ने देवरी तहसीलदार को एक ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराते हुए मांझी समाज को पुनः  अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की है, ताकि मांझी, मलाह, केवट, धीमर भोई समाज को उनके अधिकार वापस मिल सके।

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