विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का आयोजन रेलवे हॉस्पिटल में सम्पन्न
नरसिंहपुर:- 26 सितंबर 2022 (आशीष दुबे)- विगत दिवस रेलवे हॉस्पिटल नरसिंहपुर में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें डाक्टर आर आर कुर्रे के द्वारा लोगों को जागरूक किया एवं जानकारी दी, डॉ. कुर्रे द्वारा बताया गया कि सतत विकास एवं लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए पर्यावरणीय स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बनाना हमारा लक्ष्य है।
दुनिया भर में ''पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस'' पर्यावरण स्वास्थ्य कार्य बल के महत्वपूर्ण कार्यों पर प्रकाश डालने के लिए मनाया जाता है।
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस हर बर्ष विश्व के अलग-अलग देशों में आयोजित किया जाता है, इस बर्ष 2022 के लिए स्वीडन इसकी मेजबानी कर रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों की भलाई और स्वास्थ्य की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करना साथ ही पर्यावरण को हो रहे नुकसान से अवगत कराना है।
पर्यावरण को नुकसान होने पर मानव जीवन को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है हमारा स्वास्थ्य परिवार से जुड़ा हुआ है हमारे शरीर में बाहर की स्वास्थ्य समस्याएं पर्यावरण से जुड़ी हुई है।
दुनिया को समझने की आवश्यकता है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के बीच गहन संबंध है।
इंटरनेशनल फेडरेशन आफ एनवायरमेंटल हेल्थ की शुरुआत 1986 में हुई थी, 2018 में इस फेडरेशन में 40 देशों की पूर्ण सदस्यों की तौर पर जगह दी गई थी।
पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर विज्ञान और प्रशासन से संबंधित विषयों पर चर्चा कराई जाती है इसी के साथ पर्यावरण स्वास्थ्य पर सूचना का आदान प्रदान किया जाता है।
डॉक्टर कुर्रे ने कहा कि हम पर्यावरण को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को बेहतर बना सकते है।
रेलवे हॉस्पिटल नरसिंहपुर के रेलवे चिकित्सक डॉक्टर आर आर कुर्रे के द्वारा विश्व गर्भनिरोधक दिवस के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से हम कैसे जनसंख्या को नियंत्रित कर सकते हैं, इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है,
बर्ष 2007 में गर्भनिरोधक दिवस की शुरुआत की गई थी, यह दिवस जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के महत्व को बढ़ाता है।
डब्ल्यू सी डी रिपोर्ट के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार भारत के 21 राज्य में 94.5% विवाहित महिलाओं को गर्भनिरोधक उपाय के बारे में मालूम है, लेकिन जानकारी होने के बावजूद सिर्फ 50% महिलाएं ही इस्तेमाल कर रही हैं, भारत में 44 % महिलाएं भी गर्भनिरोधक के बारे में जान कर भी इस्तेमाल नहीं करती हैं, अतः हमें जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए और अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के समापन पर विश्व मूक बधिर दिवस का हुआ आयोजन:-
डॉ. आर आर कुर्रे ने बताया कि आज पूरे विश्व में विश्व मूक बधिर दिवस मनाया जा रहा है, वर्तमान में यह विश्व मूक बधिर सप्ताह दिवस के रूप में मनाया जाता है, डब्लू एफ डी ने 1958 से इसे मनाने की शुरुआत की थी,
मूक बधिर लोगों को बिना बोले बिना सुने जिंदगी जीने का सही तरीका बताया जाता है, शासन की विभिन्न योजनाएं मूक बधिरों को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम करती है, शासन द्वारा दिव्यांगों को 500 रुपये महीना पेंशन देती है ।
आज के इस दौर में दिब्यांगता अभिशाप नहीं है बल्कि समाज से हटकर के कुछ अलग करने का जज्बा पैदा करती है, इसमें जिंदगी को कोसने के बजाय उसके साथ जीने का सलीका चाहिए, हर बच्चे में एक विशेष काबिलियत होती है बस जरूरत है उसे निखारने की, अगर समाज का सही साथ मिले तो मुक बधिर बच्चे भी आसमान छू सकते हैं।
मुक बधिर युवाओं के लिए डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के डीप बधिर कॉलेज में बैचलर आफ वोकेशन बी वोक कोर्स की शुरुआत होने वाली है।
मुक बधिर विद्यार्थियों को मल्टीमीडिया से लेकर फैशन डिजाइन सहित 10 कोर्स पढ़ाए जाएंगे, विश्वविद्यालय के कुलसचिव व दिव्यांग गलन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त निदेशक अमित कुमार ने बताया कि यहां सांकेतिक भाषा में विद्यार्थियों को फैशन डिजाइन के गुर सिखाएंगे। साथ ही डॉ. कुर्रे ने बताया कि आईटी एंड मल्टीमीडिया टेक्नोलॉजी एवं इंटीरियर डिजाइन की भी समझ पैदा की जाएगी, जिसकी तैयारी पूरी हो गई है कुलपति डॉ. आर के पी सी के निर्देशन में कोर्स को नई ऊंचाई दी जाएगी अतः हमें दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा जोड़ने के लिए सब मिलकर के प्रेरित करना चाहिए। कार्यक्रम में रेलवे हॉस्पिटल के कर्मचारी अधिकारी मौजूद रहे ।
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