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अस्पताल अहाता के लिए आरक्षित भूमि पर अन्य इस्तेमाल को उच्च न्यायालय में देंगे चुनोती (नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच)


जनहित याचिका में नपा द्वारा कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर उपभोक्ता मंच ने उठाया सवाल 

न्यूज़ एक्सप्रेस18/ गाडरवारा:- 17 अप्रैल 2022- गाडरवारा नगरपालिका के अंतर्गत आने वाले कामथ वार्ड पानी की टंकी के पास गाडरवारा नगरपालिका द्वारा बनाये जा रहे कॉम्प्लेक्स का मामला अब उच्च न्यायालय पहुँच गया है। जिस जगह पर उस कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है दरअसल वह जगह राजस्व अभिलेखों में शासकीय अस्पताल के नाम दर्ज है वर्तमान में उक्त भूमि आज भी शीट क्रमांक 10 प्लाट नम्बर 7 कुल रकबा 35970 वर्गफिट भूमि है जो की “अस्पताल अहाता” के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। नगरपालिका अस्पताल की भूमि पर अघोषित तरीके से निर्माण कार्य करा रही है वही कुछ भूमि पर नगरपालिका द्वारा कब्जा कर रखा है। 
     जिसको लेकर प्रेसवार्ता के माध्यम से मीडिया को मंच के सदस्यों द्वारा जानकारी देते हुए बताया है, कि अब मामला उच्च न्यायालय जबलपुर पहुँच गया है सामाजिक संघटन नागरिक उपभोक्ता मंच के मनीष शर्मा, पवन कौरव, अरविंद स्थापक, अभिषेक मेहरा, सज्जाद अली, तरुन सेन ने इस निर्माण कार्य को उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है और नगरपालिका गाडरवारा द्वारा अस्पताल की जमीन पर बनाये जा रहे कॉम्पलेक्स पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से इस पूरे मामले की पैरवी एडवोकेट प्रभात यादव करेंगे । 
कमाई का जरिया बना नालंदा विद्यापीठ 
     दायर जनहित याचिका में इसका भी उल्लेख किया गया है कि जिस जगह पर वर्तमान में नालंदा विद्यापीठ स्कूल खुला हुआ है उसी बिल्डिंग में पुरानी अस्पताल हुआ करती थी, एवं वह जगह दरअसल आज भी राजस्व अभिलेखों में शासकीय अस्पताल के नाम 35970 वर्गफिट दर्ज है जिस जगह पर नालंदा विद्यापीठ स्कूल खोला जा रहा है वह अस्पताल की पुरानी इमारत है। नालंदा विद्यापीठ स्कूल की स्थापना उसमें सन 1987 से में हुई थी, वर्तमान में नगरपालिका अस्पताल की जगह पर कॉम्प्लेक्स का निर्माण तो करा ही रही है वावजूद इसके करीब 6 हजार रुपये महीने का किराया अस्पताल की भूमि पर व पुरानी अस्पताल की इमारत में खुल रहे नालंदा विद्यापीठ से भी वसूल रही स्कूल को अस्पताल की इमारत में खुले लगभग 35 हो गए है जिससे नगरपालिका को करीब लगभग 20 लाख रुपये के लगभग पैसे की आय हुई है। 
हाईकोर्ट के आदेश की हुई अवमानना
     याचिका व शिकायत में माननीय उच्च न्यायालय के संज्ञान में गाडरवारा के कामथ वार्ड नंबर. 6 में स्थित नजूल की भूमि जो सीट क्रमांक. 10 प्लाट क्रमांक. 07 रकवा. 1100 वर्गफिट पर अतिक्रमण में तीन मंजिला इमारत जो कि नजूल की भूमि में अतिक्रमण में बनी हुई है जिसपर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा बनी बिल्डिंग को तोड़ने को लेकर 18.09.2017 को उक्त अतिक्रमण में बनी बिल्डिंग को तोड़ने के निर्देश दिए गए थे जिसपर अतिक्रमणकर्ता लक्ष्मीकांत पाठक का कब्जा है। अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश को करीब पांच साल बीत गए लेकिन आज दिनाँक तक उसका पालन नही किया गया है। जनहित याचिका में कोर्ट के आदेश की हुई अवमानना से भी न्यायालय को अवगत कराया जाएगा वहीं नगरपालिका के पास कॉम्प्लेक्स के पीछे नजूल की जमीन थी जिसमे बनी बिल्डिंग को तोड़कर वो कॉम्प्लेक्स बना सकती थी लेकिन उसने ऐंसा नही किया जबकि बिल्डिंग को तोड़ने का आदेश पांच साल पहले ही हो चुका है। 

शिकायतों पर नही हुई कार्यवाही
     नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस मामले को लेकर संचालक संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एव चिकित्सा विभाग भोपाल, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग भोपाल, संभागीय आयुक्त, नरसिंहपुर कलेक्टर, गाडरवारा एसडीएम, मुख्य नगरपालिका अधिकारी गाडरवारा अन्य अधिकारियों को दो बार शिकायतें की व निर्माण और तत्काल प्रभाव से रोक लगाने एवं अस्पताल के पास जगह की कमी के चलते उपस्वास्थ्य केंद्र को किराए पर खोलना पड़ रहा है वही अस्पताल की जमीन पर राजस्व विभाग द्वारा जारी पट्टे को भी निरस्त करने की मांग की गई थी लेकिन विभिन्न बिंदुओं पर महीनों बीत जाने के बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिसके चलते नागरिक उपभोक्ता मंच उच्च न्यायालय पहुंच गया जल्द ही इस पूरे मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।

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