नगर विकास सौंदर्यकरण एवं स्वच्छता हेतु सभी धर्मों के गुरु, साहित्य जगत, शिक्षा जगत और पत्रकार गण सहित जागरूक नागरिक आए आगे
अभिव्यक्ति-युवा संवाद के जरिये नगर विकास हेतु सभी धर्मों के गुरु आये आगे
सिवनी:- 20 दिसम्बर 2020 (दुर्गेश पांडेय)- नगर विकास सौंदर्यकरण एवं स्वच्छता हेतु सभी धर्मों के गुरु, साहित्य जगत, शिक्षा जगत और पत्रकार गण सहित जागरूक नागरिक आए आगे।
शहर काजी अनीस हाफिज ने प्रकृति संरक्षण, नगर विकास, सौंदर्यकरण और स्वच्छता के साथ साथ अमन शांति कि मकबूल बातो के जरिये एक अभिव्यक्ति-युवा संवाद को सद्भाव और कौमी एकता का संदेश देकर सबका दिल जीत लिया।
गत 19 दिसंबर दिन शनिवार को प्रात: 11 बजे सिवनी जिला मुख्यालय के समीप संस्कृति भवन, भेरौगंज में नगर विकास-सौंदर्यकरण और स्वच्छता के साथ- साथ पर्यावरण और जल श्रोतो के संरक्षण हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में बाल संत कि ख्याति प्राप्त श्रीमद्भागवत कथा वाचक शैलेंद्र कृष्ण शास्त्री, शहर काजी अनीस हाफिज, भक्ति घाम सिंधी गुरुद्वारा के बाबा चेलाराम, योग सम्राट आचार्य महेंद्र मिश्र, साहित्यकार रामभवन सिंह ठाकुर, पूनाराम कुल्हाडे, डी पी चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।
साथ ही महाविद्दालय के चेयरमैन के के चतुर्वेदी, निर्मला देवी डिग्री कालेज के चेयरमेन जीवन सनोडिया, सिटी कोतवाली नगर निरीक्षक एम डी नागोतीया, सप्ताहिक वाल्मीकि सारांश के संपादक संदीप लाहोरीया, भूतपूर्व पार्षद श्रीमती निर्मला ठाकुर ,श्रीमती पूजा कश्यप, पार्षद श्रीमती शबनम खान मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कथा वाचक शैलेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि प्रकृति सुरक्षित रहेगी तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे, भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे, उन्होने कहा कि नदी, तालाब, कुआ, बावली, पर्वत, जंगल प्रकृति के अंग है, इन अंगो में आध्यत्मिक अस्मिता जुड़ी है, इनका सुरक्षित रहना अति आवश्यक है।
शहर काजी अनीस हाफिज ने कहा कि ये हमारे लिय बहुत खुशी कि बात है कि एक अभिव्यक्ति युवा संवाद के माध्यम से सभी धर्मो के रहनुमाओं को अपनी महफिल मे बुलाया और उनके विचारो को सुनने का प्रयास किया।
भक्ति घाम सिंधी गुरुद्वारा के बाबा ज्ञानी चेलाराम ऩे कहा कि हम सभी धर्म, समाज और वर्ग को मिलकर अपने नगर विकास, सौंदर्यकरण और स्वच्छ वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए, यह एक बहुत अच्छी पहल है, युवाओ को ऐसे कार्य में आगे आने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के उपरांत सभी आगंतुकों ऩे दलसागर तालाब के हनुमान घाट पहुचकर मछली को भोजन दिया, और प्राचीन श्री हनुमान घाट के सौंदर्यकरण हेतु कार्य योजना और कार्य कि समीक्षा की, इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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