करेली - पुरानी पेंशन बहाली की मांग के लिए सोशल मीडिया पर चलाया ट्रेंडिंग कैंपेन
करेली - (आशीष दुबे)- पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर जिले में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया है । पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय अभियान के प्रभारी के साथ नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारियो ने ट्विटर पर हैश टेग से दिन भर डिजिटल आंदोलन चलाया। इस डिजिटल आंदोलन में सभी विभागों के पुरानी पेंशन से वंचित, नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारी सहभागी बने ।
कोरोना संकटकाल में अपना जीवन जोखिम में डालकर डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाॅफ, पुलिस सहित कई विभागो के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं शिक्षक कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे है। उद्देश्य एक ही है “कोरोना को हराना है, भारत को जिताना है।” संक्रमितो को ढूंढना, उनका टेस्ट, ईलाज, सेवा, अंतिम संस्कार और क्वारेंटाईन सेंटरो पर संदिग्धो की देखभाल के विभिन्न चरणो में सेवा दे रहे देश के अनेक कर्मचारी स्वयं संक्रमित हो गये और बडी संख्या में असमय काल कलवित हो गये। कोरोना योद्धा के दायरे में शासन की परिभाषा में सेवा देने वाले बहुत कम कर्मचारी आते है जबकि इस महामारी को हराने में लाखो कर्मचारी सेवा दे रहे है।
कोरोनो संक्रमितो को सेवा दे रहे अनेक कर्मचारी असमय काल कलवित होने वाले बहुत कम कर्मचारियो के परिवार को कोरोना योद्धा बीमा और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिला। दुखद ये है कि कोरोना संक्रमण काल में सेवा दे रहे अधिकांश कर्मचारी शासन के कोरोना योद्धा की परिभाषा के दायरे में ही नही आते थे इसलिए उनके परिवार के सदस्यो को कोरोना योद्धा बीमा और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नही मिला, जबकि इस महामारी को हराने, नियंत्रित करने में उनकी भी बराबरी की भागीदारी थी।
जिसके कारण उत्पीडित परिवारो के सामने तत्काल ही जीवन-यापन का संकट खडा हो गया है। आंदोलन में नारा दिया गया ”कोरोना योद्धाओ का सच्चा सम्मान पुष्पवर्षा नही, पुरानी पेंशन बहाल करे। देश के पुरानी पेंशन विहीन और नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारयो ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस डिजिटल आंदोलन के माध्यम से हाथ में पुरानी पेंशन बहाली के स्लोगण युक्त पोस्टर लेकर फोटो को ट्विटर पर ट्वीट कर कोरोना योद्धा जो शहीद हो चुके है के परिवार के लिए बीमा राशि, अनुकंपा नियुक्ति तथा शहीद कर्मचारी को पुरानी पेंशन के दायरे में लाकर परिवार के सदस्यो को पारिवारिक पेंशन देने की ओर ध्यान आकर्षण करने के लिए अभियान चलाया.
सत्य प्रकाश त्यागी, मनीष जैन, प्रशांत तिवारी, विवेक मिश्रा, सतीश मेहरा, ललित नायक, प्रेम सिंह ठाकुर, सुनील पटेल, समेत बड़ी संख्या में लोग ट्वीट पत्र लेखन पोस्ट कार्ड मुहिम सोशल मीडिया आंदोलन में शामिल हुए ।
कोरोना संकटकाल में अपना जीवन जोखिम में डालकर डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाॅफ, पुलिस सहित कई विभागो के कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं शिक्षक कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे है। उद्देश्य एक ही है “कोरोना को हराना है, भारत को जिताना है।” संक्रमितो को ढूंढना, उनका टेस्ट, ईलाज, सेवा, अंतिम संस्कार और क्वारेंटाईन सेंटरो पर संदिग्धो की देखभाल के विभिन्न चरणो में सेवा दे रहे देश के अनेक कर्मचारी स्वयं संक्रमित हो गये और बडी संख्या में असमय काल कलवित हो गये। कोरोना योद्धा के दायरे में शासन की परिभाषा में सेवा देने वाले बहुत कम कर्मचारी आते है जबकि इस महामारी को हराने में लाखो कर्मचारी सेवा दे रहे है।
कोरोनो संक्रमितो को सेवा दे रहे अनेक कर्मचारी असमय काल कलवित होने वाले बहुत कम कर्मचारियो के परिवार को कोरोना योद्धा बीमा और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिला। दुखद ये है कि कोरोना संक्रमण काल में सेवा दे रहे अधिकांश कर्मचारी शासन के कोरोना योद्धा की परिभाषा के दायरे में ही नही आते थे इसलिए उनके परिवार के सदस्यो को कोरोना योद्धा बीमा और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नही मिला, जबकि इस महामारी को हराने, नियंत्रित करने में उनकी भी बराबरी की भागीदारी थी।
जिसके कारण उत्पीडित परिवारो के सामने तत्काल ही जीवन-यापन का संकट खडा हो गया है। आंदोलन में नारा दिया गया ”कोरोना योद्धाओ का सच्चा सम्मान पुष्पवर्षा नही, पुरानी पेंशन बहाल करे। देश के पुरानी पेंशन विहीन और नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारयो ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस डिजिटल आंदोलन के माध्यम से हाथ में पुरानी पेंशन बहाली के स्लोगण युक्त पोस्टर लेकर फोटो को ट्विटर पर ट्वीट कर कोरोना योद्धा जो शहीद हो चुके है के परिवार के लिए बीमा राशि, अनुकंपा नियुक्ति तथा शहीद कर्मचारी को पुरानी पेंशन के दायरे में लाकर परिवार के सदस्यो को पारिवारिक पेंशन देने की ओर ध्यान आकर्षण करने के लिए अभियान चलाया.
सत्य प्रकाश त्यागी, मनीष जैन, प्रशांत तिवारी, विवेक मिश्रा, सतीश मेहरा, ललित नायक, प्रेम सिंह ठाकुर, सुनील पटेल, समेत बड़ी संख्या में लोग ट्वीट पत्र लेखन पोस्ट कार्ड मुहिम सोशल मीडिया आंदोलन में शामिल हुए ।
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