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होशंगाबाद - संभाग में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कार्य करें – कमिश्नर

होशंगाबाद/05,जून, 2020/-(अजयसिंह राजपूत)- संभाग के तीनो जिलो में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कार्य योजना तैयार की जाए तथा दुग्ध उत्पादन की मार्केटिंग की जाए। कमिश्नर नर्मदापुरम् संभाग रजनीश श्रीवास्तव ने आज आयुक्त कार्यालय सभाकक्ष में संभाग के तीनो जिलो हरदा, बैतूल एवं होशंगाबाद के दुग्ध संघ के अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिये। कमिश्नर ने दुग्ध संघ के अधिकारियों को उनके जिले से संबंधित कोई भी जानकारी अद्यतन तथा संतोषजनक नही पाये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई। कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगली बैठक में संभाग के जिलो में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की कार्य योजना सहित समस्त जानकारी के साथ उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

                            बैठक में दुग्ध संघ के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल में जो भी समिति कार्य कर रही है उनके सदस्यों के पास अच्छी नस्ल के ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाले पशु उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है ताकि वर्तमान में प्रति दुधारू से प्राप्त होने वाले दुग्ध की मात्रा बढ़ाई जा सके। कमिश्नर श्री श्रीवास्तव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे लगातार भ्रमण कर समितियों से सम्पर्क करे एवं उन्हें उन्नत नस्ल के दुधारू पशु लेने के लिए प्रेरित करे, साथ ही जो आहार दुधारू पशुओ को दिया जा रहा है उसके लिए भी समिति सदस्यों को अवगत करावे।

                          कमिश्नर द्वारा होशंगाबाद जिले में 9 हजार लीटर दुग्ध संग्रहण पर असंतोष व्यक्त किया जबकि बैतूल जिले में जब 30 हजार लीटर दुग्ध संग्रहण और हरदा जिले में लगभग 3 हजार लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है जबकि इन जिलो में यहाँ की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 1 लाख लीटर से अधिक दुग्ध संग्रहण होना चाहिए। कमिश्नर ने अधिकारियों को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्देशित किया कि वे नये मिल्क रूट तय करें। वर्तमान समिति को और मजबूत बनाने, खरीदे गये दुग्ध का भुगतान शीघ्रता से करने के निर्देश दिये।

                          कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि वे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के संबंध में नयी समिति बनाए तथा जिला कलेक्टर को इस कार्य की समीक्षा करने के भी निर्देश जारी किये। कमिश्नर श्री श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित दुग्ध संघ के अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे प्रत्येक सप्ताह दिये गये क्षेत्र का भ्रमण कर वस्तुस्थिति से कलेक्टर को टीएल बैठक में अवगत करावे तथा किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर टीएल बैठक में जिला कलेक्टर से निराकरण करावे।

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